Monument of Love: मोतिहारी. बिहार के मोतिहारी के रहने वाले एक रिटायर्ड पंचायत सचिव बालकिशुन राम ने एक प्रेम की निशानी बनायी है, जो किसी ताजमहल से कम नहीं है. बालकिशुन राम ने अपनी पत्नी शारदा देवी की याद में एक भव्य मंदिर बनवाया है. पत्नी के निधन के छह साल बाद उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति राशि से यह मंदिर बनाने का फैसला किया. इस मंदिर को बनवाने में 60 लाख रुपये का खर्चा आया है.
तीन साल में तैयार हुआ मंदिर
बालकिशुन राम की पत्नी शारदा का निधन 6 साल पहले हो गया था. इसके बाद से ही बालकिशुन दुखी रहने लगे. साथ ही वह अकेलापन महसूस करने लगे थे. इसी अकेलेपन को दूर करने के लिए वह अपनी पत्नी की यादों को अनोखे तरीके से संजोने में जुट गए. रिटायरमेंट के दौरान उन्हें करीब 60 लाख मिले थे, जिससे उन्होंने पत्नी की याद में एक मंदिर बनवाया है. मंदिर इतना भव्य और बड़ा है कि उसे बनाने में 3 साल का समय लगा है.
पति-पत्नी के संबंध को दिखाता स्मारक
इस मंदिर में बालकिशुन ने किसी देवी की नहीं बल्कि अपनी पत्नी की मूर्ति स्थापित की है, जिसका उद्घाटन बिहार के पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने किया है. उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा कि यह काम आज के समय में कोई साधारण काम नहीं है, बल्कि सबसे उत्तम काम है. क्योंकि पति-पत्नी का संबंध उन्हीं को समझ में आता हैं, जो दिल के सच्चे होते हैं.
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