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Motihari: सरकारी अस्पतालों में दूसरे दिन भी ठप रही ओपीडी सेवा

सरकारी अस्पतालों में शुक्रवार को भी ओपीडी सेवा ठप रही. सदर अस्पताल सहित अनुमंडल रेफरल व पीएचसी में ओपीडी कार्य का चिकित्सकों ने दूसरे दिन भी बहिष्कार किया.

मोतिहारी. सरकारी अस्पतालों में शुक्रवार को भी ओपीडी सेवा ठप रही. सदर अस्पताल सहित अनुमंडल रेफरल व पीएचसी में ओपीडी कार्य का चिकित्सकों ने दूसरे दिन भी बहिष्कार किया. बायोमेट्रिक उपस्थिति, प्रशासनिक उत्पीड़न और कर्मचारियों की कमी को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (बीएचएसए) के आह्वान पर कार्य बहिष्कार कर सभी चिकित्सक अपनी मांग के समर्थन में डटे है. इस दौरान जानकारी के अभाव में ओपीडी में इलाज को दूर-दाराज से आये मरीजों को बैरन वापस लौटना पड़ा. सदर अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. इलाज के अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है. तीन दिन तक डॉक्टरों की हड़ताल रहने से मरीजों की मुश्किल और बढ़ती दिख रही है. ओपीडी बंद रहने से दूर दराज ग्रामीण क्षेत्र से इलाज के पहुंचे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

बायोमेट्रिक हाजिरी को ले चिकित्सकों में रोष

चिकित्सकों में बायोमेट्रिक हाजिरी व्यवस्था को लेकर रोष है. बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (भासा) द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि शिवहर, गोपालगंज और मधुबनी जिलों के डीएम ने बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर डॉक्टरों का वेतन रोक दिया है. कई माह से डॉक्टरों को इस प्रकार प्रताड़ित करने के साथ उनसे अमर्यादित व्यवहार किया जा रहा है. डाक्टरों की सुरक्षा, आवास, पर्याप्त मानव बल, गृह जिलों में पोस्टिंग, कार्यावधि निर्धारण, इमरजेंसी में सातों दिन 24 घंटे कार्य करने वाले डॉक्टरों की बायोमेट्रिक उपस्थिति की बाबत निर्देश जारी करने जैसी तमाम मांगें लंबे समय से लंबित हैं.

सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा चालू

सरकारी अस्पताल में अपातकाल सेवा चालू है. इमरजेंसी में मरीजों का उपचार किया जा रहा है. शक्रवार को ओपीडी सेवा ठप रहने पर सिविल सर्जन के निदेश पर ओपीडी में दिखाने पहुंचे गंभीर मरीज का उपचार इमरजेंसी में कराया गया. अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि ओपीडी सेवा ठप रहने के मद्देनजर सदर अस्पताल इमरजेंसी में उपचार के लिए चिकित्सीय कर्मियों की संख्या बढ़ायी गयी है, ताकि इमरजेंसी मरीजों को चिकित्सीय सेवा मिल सके.

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