छौड़ादानो. सावन के महीने में आग बरस रहा है. चमकते सूर्य की तपन सहना बूते से बाहर हो गया है. बारिश की कमी और खेती के लिए भूगर्भीय जल के शोषण से प्रखंड क्षेत्र मे जल संकट गहराता चला जा रहा है.अधिकांश चापाकल सिर्फ दिखावे की वस्तु बन कर रह गए हैं. नहाने-धोने की कौन कहे खाना बनाने से लेकर रोजमर्रा की छोटी-छोटी जरुरतों के लिए प्रखंड मुख्यालय के लोग पानी खरीद रहे हैं. पंचायत के मुखिया गोपाल राय ने बताया कि, पच्चीस वर्षों से संचालित इस पंप से किसी को लाभ नहीं मिला है. एकडरी पंचायत के सात वार्डों में से छह में किसी घर मे पानी का कनेक्शन नहीं है. रोड में कहीं-कहीं कनेक्शन है, तो उसका नल टूटा हुआ है. जल आपूर्ति के लिए लोहे का जो मेन पाइप जमीन के अन्दर बिछाया गया है. उसमे जंग लगने से वह बर्बाद हो गया है. पीएचईडी का वाटर टैंक भी नही है. खानापूर्ति के लिए महीने मे जब दो-चार बार मोटर पम्प चलाया जाता है, तो गंदा पानी निकलता और रोड पर फेल जाता है.
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