Motihari: रक्सौल :
रक्सौल व इसके आसपास के इलाके में भू-जल स्तर नीचे जाने से पानी का संकट गहरा गया है. फलस्वरूप आम जनजीवन अस्त-व्यस्त एवं पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहा है. लगातार तापमान बढ़ने से शहर के अधिकांशतः चापाकल सूख गये हैं तथा कुछ चापाकल से गंदे पानी आ रहे हैं. गौरतलब है कि गत वर्ष की तुलना में इस बार भू-जलस्तर काफी नीचे चला गया है. मानसून की आंखमिचौली एवं अल्पवृष्टि भी भू-जल स्तर के गिरावट का बड़ा कारण माना जा रहा है. इधर, शहर के वार्ड नम्बर 9, 10, 12, 6 व 21 सरकार के सात निश्चय नल जल योजना से वंचित हैं तथा इस वार्ड में भी लोग पानी की किल्लत से जुझ रहे हैं. वर्तमान जल संकट में भी नगर परिषद की उदासीनता से टैंकरों से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है. इन वार्डों के लोगों ने बताया कि नल जल योजना से वार्डों को आच्छादित करने के लिए कई बार संबंधित वार्ड पार्षदों से आग्रह किया, लेकिन सिवाय आश्वासन के कार्य को धरातल नहीं मिला. इस दौरान स्थानीय सत्यनारायण शर्मा, संजीव वर्णवाल, धनंजय कुमार, दौलत मियां, लालू शर्मा, जगत कांस्यकार, सोनू कांस्यकार ने संयुक्त रूप से कहा कि पानी का संकट गहराने से न केवल उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है. बल्कि इस बात के लिए चिन्तित हैं कि अगर कुछ दिन और ऐसे ही हालात बने रहे तो उन्हें पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है