Motihari: मोतिहारी . अंतरराज्यीय साइबर गिरोह के बदमाश साजिद के घर पर पुलिस ने रविवार रात छापेमारी की. उसके पकड़ीदयाल चोरमा स्थित घर से पुलिस को विभिन्न बैंकों के एक दर्ज से अधिक पासबुक मिले है, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. साइबर डीएसपी अभिनव पराशर ने बताया कि जब्त सभी पासबुकों की जांच-पड़ताल की जा रही है. बताया कि उसके घरवाले उसकी करतूतों से अंजान है.परिजनों ने पूछने पर कहा कि इसके बारे में उन्हें कुछ पता नहीं. साजिद के संबंध में बताया कि वह कई महिनों से घर नहीं आया. परिजनों ने बताया कि वह दिल्ली में रहता है. डीएसपी ने बताया कि कुछ दिन पहले साइबर फ्रॉड के एक बड़े गिरोह पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसमे साजिद भी आरोपी है. बताते चले कि कुछ दिन पहले साजिद व निखिल ने दिल्ली कोर्ट में ट्रांजिट बेल के लिए अर्जी दी थी. उसके बाद न्यायालय ने साजिश व निखिल के संबंध में पूरी जानकारी साइबर थाने से मांगी थी. 16 जून को पुलिस ने शहर के अलग-टलग जगहों पर छापेमारी कर पांच साइबर फ्रॉडों को तीस लाख कैश, हथियार, नोट गिनने वाली मशीन सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस के साथ गिरफ्तार किया था. इसे लेकर साइबर थाना में 16 बदमाशों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. छापेमारी में साइबर डीएसपी के अलावा अनुसंधानकर्ता मुमताज आलम व अन्य शामिल थे.
साइबर बदमाशों के चंगुल में फंसे बेतिया इंजीनियरिंग कॉलेज के कर्मी की ब्रेनहैमरेज से हुई थी मौत
अंतरराज्जीय साइबर फ्रॉड के संगठित गिरोह बॉस के प्रताड़ना से बेतिया इंजीनियरिंग कॉलेज के कर्मी सुमित कुमार की मौत हो गयी. उसकी मौत के बाद घर वालों उसके बैंक अकाउंट का डिटेल निकला तो पता चला कि उसके अकाउंट में पैसों का लगातार ट्रांजेक्शन हुआ है. अकाउंट में प्रतिदिन पैसों का आना, उसके बाद तत्काल निकासी होने पर परिजनों की शंका बढ़ गयी. उन्होंने 1930 नम्बर पर कम्पलेन किया, उसके बाद साइबर थाना मोतिहारी का जांच का आदेश मिला. मंगलवार को सुमित के पिता पुरुषोत्तम कुमार यादव मोतिहारी साइबर थाना पहुंचे, जहां उनका बयान दर्ज किया गया. पुरुषोत्तम ने पुलिस को बताया कि सुमित इंजीनियरिंग कॉलेज में डाटा ऑपरेटर था. कुछ दिनों से परेशान रहने लगा था. 31 मई को वह मौसी के पास पटना राजीव नगर में गया. वहां तीन-चार दिनों तक रहा. बाथरूम करने गया, जहां ब्रेन हैमरेज हो गयी. डॉक्टर के पास लेकर जाया गया. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसकी मौत के बाद कुछ लोगो घर पर आकर कहने लगे कि सुमित ने हमसे कर्ज लिया है. पुरुषोत्तम ने बताया कि आशंका होने पर उसके बैंक अकाउंट की जांच की. इस दौरान पता चला कि प्रतिदिन 30-40 हजार रुपये उसके खाते से आदान-प्रदान हुआ है. उसके अकाउंट से करीब 4.50 लाख रुपये बंजरिया अम्बिका नगर के व्यवसायी सुरेंद्र कुमार के खाते में ट्रांसफर हुआ है. सुरेंद्र फिलहाल सेंट्रल जेल मोतिहारी में बंद है. उसके बैंक अकाउंट को साइबर फ्रॉड गिरोह के हैंडलर एसएसबी जवान पंकज करता था. पंकज भी फिलहाल सलाखों के अंदर है. साइबर थाना के डीएसपी अभिनव पराशर ने बताया कि मामला गंभीर है. जरूरत पड़ी तो पंकज व सुरेंद्र को रिमांड पर लिया जायेगा. यह पता लगाया जायेगा कि आखिर सुमित से उनलोगों का कैसा कनेक्शन है. उसके अकाउंट से सुरेंद्र के खाते में पैसा कैसे ट्रांसफर हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है