Motihari : सिकरहना.ढाका व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए अभियुक्तों को जेल भेजने के बजाय पीआर बॉण्ड पर छोड़ दिया. मामला घोडासहन थाना से जुड़ा हुआ हैं. इसमें थाना अध्यक्ष एवं केश के अनुसंधानकर्ता पर कार्रवाई की गाज गिर सकती हैं. घोडासहन थाने की परि. पुअनि प्रतिभा रानी पांडे ने मंगलवार को वाहन चेकिंग के दौरान रेलवे ढाला के समीप से चोरी की बाइक के साथ दो लोगों को पकड़ा. उक्त दोनों आरोपी लालू मंसूरी एवं सकूर मंसूरी नेपाल के बारा जिला अंतर्गत चिउतहां थाना क्षेत्र के हरनहिया के रहने वाले हैं. दोनों भारत में स्थित अपने रिश्तेदार से मिलने आये हुए थे. पुलिस ने इस मामले के प्राथमिकी में बताया हैं कि वाहन चेकिंग के दौरान उक्त दोनों लोगों से बाइक के पेपर की मांग की गयी लेकिन वे लोग कागजात नहीं दिखाए. उक्त बाइक रक्सौल से चोरी हुई बताया गया हैं. केश का आइओ पुअनि राजेन्द्र पासवान को बनाया गया हैं. बुधवार को घोडासहन पुलिस दोनों अभियुक्तों को एसीजेएम सिकरहना के कोर्ट में पेशी के लिए लेकर आयी थी.सुनवाई के दौरान कोर्ट में अभियुक्तों ने दलील दी कि उनके द्वारा बाइक का पेपर दिखाया गया, लेकिन पेपर छीन लिया गया. उनसे बाइक के साथ दो मोबाइल तथा कुछ भारतीय एवं नेपाली करेंसी भी ले लिया गया.जबकि पुलिस की जब्ती सूची में इसका कहीं उल्लेख नहीं हैं. कोर्ट में अनुसंधान कर्ता द्वारा इस पर कोई संतोष जनक कारण नहीं दिये जाने पर एसीजेएम विवेक कुमार मिश्रा ने दोनों अभियुक्तों को जेल भेजने से इंकार करते हुए पीआर बॉण्ड पर छोड़ दिया. अनुसंधान कर्ता ने कोर्ट को बताया कि थाना अध्यक्ष द्वारा जबरन उनसे कागजात पर हस्ताक्षर कराया गया हैं. मेरे द्वारा कोई अनुसंधान नहीं किया गया हैं. इधर मामले की गंभीरता को देख कोर्ट द्वारा थाना अध्यक्ष अनुज कुमार पांडे एवं परि. पुअनि प्रतिभा रानी पांडे के विरुद्ध कानूनी एवं प्रशासनिक कार्रवाई का निर्देश दिया गया हैं.
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