जल जीवन हरियाली
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरजिले में जल जीवन हरियाली अभियान को और गति मिलेगी. 20 चिन्हित स्थलों पर चेक डैम व जल संचयन संरचनाओं का निर्माण कराया जायेगा. इसके लिए स्थलों का चयन कर संबंधित अधिकारियों को सूची भेज दी गयी है और उन्हें अविलंब निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिये गये हैं. उप विकास आयुक्त ने अपर समाहर्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा), कार्यपालक अभियंता (मनरेगा), परियोजना अभियंता (ब्रेडा), अंचल अधिकारी (कुढ़नी) व कार्यपालक पदाधिकारी (माधोपुर सुस्ता व सकरा) को इस संबंध में सूचित करते हुए कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने का आग्रह किया है. बताया कि इस संबंध में मिशन निदेशक, जल जीवन हरियाली से स्पष्ट निर्देश प्राप्त हुए हैं. इन जल संचयन संरचनाओं के निर्माण से जिले में जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में अहम मदद मिलेगी. वर्षा जल का संचयन भूजल स्तर को बढ़ाने में सहायक होगा, जिससे सिंचाई व पेयजल की समस्या से निजात मिल सकेगी. उप विकास आयुक्त ने सभी संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर तेजी से कार्य करने का आह्वान किया है ताकि जल जीवन हरियाली के लक्ष्यों को समय पर प्राप्त किया जा सके और जिले के लोगों को इसका लाभ मिल सके.
इन स्थानों पर होगा निर्माण कार्य
चेक डैम:
बंदरा, गायघाट, कुढ़नी, बरुराज, पारू, सरैया, साहेबगंज, कांटी, औराई, कटरा, ढोली.छत वर्षा जल संचयन: ढोली (विशुनपुर बखरी), ढोली (सादिकपुर मुरौल), कांटी (धमौली रामनाथ).क्या होता है चेक डैम
चैक डैम एक छोटी अवरोधक संरचना होती है, जिसे आमतौर पर किसी नाले, छोटी नदी या जलधारा के आर-पार बनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य पानी के प्रवाह की गति को कम करना होता है. यह कटाव को कम करने और मिट्टी को बहने से रोकने में मदद करता है. जब पानी की गति धीमी होती है, तो उसमें मौजूद मिट्टी व तलछट नीचे बैठ जाते हैं. इस प्रकार, चैक डैम मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और उपजाऊ मिट्टी बह जाने से बच जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है