वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
एक मई से उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक व दक्षिणी बिहार ग्रामीण विलय के बाद बिहार ग्रामीण बैंक हो गया. ऐसे में अब 2104 शाखा, 6500 से अधिक बैंकिंग कॉरोस्पोंडेंट (बीसी) बिहार के कोने कोने में ग्राहकों को सेवा देंगे. उक्त जानकारी चेयरमैन डॉ आशुतोष कुमार झा ने प्रेसवार्ता में दी. उन्होंने बताया कि अब बैंक के कुल ग्राहकों की संख्या 3.5 करोड़, व्यवसाय 78000 करोड़ से अधिक, 7250 कर्मचारी हैं. शाखा की संख्या के आधार पर दूसरे में दूसरे बड़े आरआरबी और व्यवसाय में छठे स् थान पर पहुंच गया है. अब हमारा लक्ष्य ऋण व जमा में एक लाख करोड़ तक पहुंचना है. एमएसएमइ, खुदरा ऋण, कृषि ऋण पर हमारा विशेष ध्यान होगा. जीविका समूह में हमारी साझेदारी 60 प्रतिशत से अधिक है. एनपीए नियंत्रण हमारी प्राथमिकता है. इस नयी शुरुआत के साथ हम ग्राहकों को बेहतर सेवा देते हुए इसे वित्तीय सशक्तिकरण के माध्यम से एक बेहतरीन बैंक बनायेंगे. इसके साथ ही वित्तीय समावेशन और बीसी नेटवर्क इसमें पीएमजेडीवाई, पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाइ, एपीवाइ में बैंक मित्रों की भागीदारी और मजबूत करना है. बीसी को रिकवरी एजेंट के रूप में भी सक्षम बनाना है ताकि उनकी आमदनी भी बढ़े और बैंक की वसूली भी बेहतर हो. प्रेसवार्ता के दौरान जीएम संजय सिन्हा, संजय कुमर श्रीवास्तव, नागेंद्र प्रसाद गुप्ता व संतोष कुमार सिन्हा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है