मुजफ्फरपुर.
25 साल पुराने एक जघन्य हत्याकांड में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. जिला अपर सत्र न्यायाधीश-1 नमिता सिंह ने बेटे की निर्मम हत्या के मामले में पिता और भाई को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस फैसले ने न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया है, बल्कि समाज में एक कड़ा संदेश भी दिया है. दर्दनाक हत्याकांड का खुलासायह मामला 2000 का है, जब साहेबगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली सीमा देवी ने अपने पति मनोज कुमार सिंह की हत्या का आरोप लगाते हुए सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी. सीमा देवी के अनुसार, 23 मार्च 2000 को उनके ससुर और देवर मनोज कुमार सिंह को यह कहकर घर से ले गए कि उनकी मां का एक्सीडेंट हो गया है. अगले दिन मनोज कुमार सिंह का शव भगवानपुर हनुमान मंदिर के पास रेलवे ट्रैक पर मिला. दहेज के लिए हत्या का आरोप:सीमा देवी ने आरोप लगाया कि उनके ससुराल वाले दहेज में मोटरसाइकिल की मांग कर रहे थे और जमीन के बंटवारे को लेकर भी विवाद था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके ससुर रघुनाथ सिंह, ननद और देवर ने मिलकर उनके पति की हत्या कर दी और सबूत मिटाने के लिए शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया. अदालत का फैसला:
अदालत ने रघुनाथ सिंह और राकेश कुमार सिंह को धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास और धारा 201/34 (सबूत मिटाने) के तहत 3 साल की सजा सुनाई है. दोनों दोषियों पर 35,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी रामनारायण झा ने पैरवी की और अदालत में 8 गवाहों के बयान दर्ज किए गए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है