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47 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार, एक पखवाड़े में कैसे होगा पोषण

47 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार, एक पखवाड़े में कैसे होगा पोषण

:: आठ से 22 अप्रैल तक समाज कल्याण विभाग चला रहा पोषण पखवारा :: जिले की दो हजार 739 गर्भवती महिलाएं भी कुपोषित उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर सूबे में समाज कल्याण विभाग ने मंगलवार से पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके तहत बच्चों और उनकी माताओं को पौष्टिक आहार, एनीमियाऔर डायरिया से बचाव का प्रबंध किया जाना है. गर्मी बढ़ने के साथ एइएस की बीमारी का प्रकोप भी शुरू हो गया है. जिले की बात करें तो नीति आयोग के अनुसार यहां 47 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. करीब पांच वर्ष तक के 12.12 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं. यहां 3,918 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जहां तीन लाख बच्चे निबंधित हैं. जीविका के पिछले महीने के सर्वे के अनुसार जिले में 21 हजार 273 गर्भवती महिलाएं हैं, जिनमें 2739 और 17 हजार 952 नवजात की माताएं हैं, जिसमें 1863 कुपोषित है. आइसीडीएस की ओर से साल में दो बार पोषण पखवाड़ा तो चलाया जाता है, लेकिन कुपोषित बच्चों और महिलाओं की पहचान कर उन्हें पोषित नहीं किया जाता. नतीजा जिले में कुपोषित बच्चों और महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. पोषण केंद्र में एक साल में 166 बच्चों को ही मिला पोषण बच्चों को पोषित करने के लिये सदर अस्पताल में पाेषण पुनर्वास केंद्र बनाया गया है, लेकिन एक साल में यहां महज 166 बच्चों को ही पोषित किया गया. यहां छह महीने से 59 महीने तक के बच्चों को भर्ती कर उनके पोषण की व्यवस्था होती है. बच्चों के पोषण के बाद उनकी छुट्टी की जाती है. नियम के अनुसार प्रत्येक आंगनबाड़ी सेंटर और पीएचसी स्तर से यहां कुपोषित बच्चों को भेजा जाना है. लेकिन उदासीनता का आलम यह है कि यहां बच्चे भेजे नहीं जाते और यहां का 20 बेड में अधिकतर खाली ही रहता है, जबकि यहां बच्चों की देखभाल के लिये डॉक्टर, एएनएम, भोजन के लिये रसोइया 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं. गर्मी के समय में जब विभागीय निर्देश आता है तो यहां प्रखंडों से कुछ बच्चे भेजे जाते हैं, लेकिन एइएस का प्रकोप समाप्त होने के बाद योजना शिथिल हो जाती है. वर्जन पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को भेजे जाने का निर्देश विभागीय स्तर सभी आंगनबाड़ी सेंटर और पीएचसी को दिया गया है. यहां जो भी बच्चे भर्ती होते हैं, उनके पोषण की पर्याप्त व्यवस्था है. हम सभी बच्चों को सही तरीके से पोषण की पर्याप्त व्यवस्था है. पवन शर्मा, प्रभारी, पोषण पुनर्वास केंद्र

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Vinay Kumar
Vinay Kumar
I am working as a deputy chief reporter at Prabhat Khabar muzaffarpur. My writing focuses on political, social, and current topics.

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