प्रभात कुमार, मुजफ्फरपुर
तिरहुत प्रमंडल के पांच जिलों – मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली और पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में लिपिकों की भारी कमी है. इन जिलों में लिपिकों के लगभग 600 पद खाली पड़े हैं, जिससे सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा है.यही नही कार्यालय परिचारी के 500 और वाहन चालक के 105 पद काफी दिनों से रिक्त है. इसका खामियाजा आमलोगों भी भुगतना पड़ता है. रिक्ति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई कार्यालय में सृजित पद के के 25 प्रतिशत कर्मचारी नहीं है.सरकारी योजनाओं पर असर
लिपिकों की कमी के कारण सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ मिलने में देरी हो रही है. खासकर, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज समय पर नहीं बन पा रहे हैं.लिपिकों की कमी के कारण सरकारी कार्यालयों में कामकाज में काफी देरी हो रही है. फाइलों का निस्तारण समय पर नहीं हो पा रहा है. इससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खास तौर पर जमीन संबंधी काम अटक रहा है. विकाय योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण, मुआवजा निर्धरण व वितरण के कार्य में भी बहुत देरी होती है. इसके वजह से प्रोजेक्ट के पूरा होने पर विलंब होता है.तत्काल नियुक्ति की आवश्यकता
तिरहुत प्रमंडल के पांच जिलों में लिपिकों की कमी को दूर करने के लिए तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. इससे सरकारी कामकाज में तेजी आएगी और आम लोगों को राहत मिलेगी.बता दें कि तिरहुत प्रमंडल में राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों का जाल बिछाया जा रहा है, और कई पुलों और फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है. प्रमंडल में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, जिन्हें पर्यटन के लिए विकसित किया जा रहा है.जिला@ लिपिक का रिक्त पदमुजफ्फरपुर 88
सीतामढ़ी 84शिवहर 36
बेतिया 101मोतिहारी 118
वैशाली 163डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है