मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने की थी मामले की पैरवी उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर पॉक्सो विशेष कोर्ट प्रथम ने दस साल पुराने मामले में जेल में बंद अभियुक्त को बरी कर दिया है. अधिवक्ता एसके झा ने इसके लिये पैरवी और निस्वार्थ सेवा की थी. मामला 28 फरवरी, 2015 का है, जब रात करीब आठ बजे काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के रेलवे कॉलोनी के पास एक नाबालिग बच्ची शौचालय करने गयी थी. आरोप था कि एक टैंकर चालक ने उसके साथ कुछ गलत करने का प्रयास किया, लेकिन लोगों के इकट्ठा होने से वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया़ इस घटना को लेकर काजी मोहम्मदपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. टैंकर चालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, और बाद में टैंकर के खलासी केशव राय को भी इस मामले में अभियुक्त बनाया गया. अभियोजन पक्ष की ओर से चार गवाहों ने कोर्ट में गवाही दी. इसके बाद मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने बहस शुरू की और सभी तथ्यों को कोर्ट के सामने बारीकी से रखा. अधिवक्ता ने बताया कि केशव राय इतना गरीब था कि उसे देखने के लिए उसके परिजन भी कोर्ट तक नहीं पहुंच पाते थे. दलीलों और सबूतों पर विचार करने के बाद पॉक्सो विशेष कोर्ट प्रथम की अदालत ने आरोपी केशव राय को बरी कर दिया.
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