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ऑनलाइन फेक ट्रेडिंग व गेमिंग से साइबर फ्रॉड करता था अभिषेक, घर में बना रखा था मिनी बैंक

ऑनलाइन फेक ट्रेडिंग व गेमिंग से साइबर फ्रॉड करता था अभिषेक, घर में बना रखा था मिनी बैंक

: पंजाब समेत अलग- अलग राज्यों से आ चुकी है साइबर फ्रॉड की राशि : मास्टरमाइंड अभिषेक कुमार पुलिस के पहुंचने से पहले हो गया फरार : करेंसी चेस्ट खुलवाने के लिए राजेपुर पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की अर्जी संवाददाता, मुजफ्फरपुर फोटो:: दीपक 18 व 19 साहेबगंज के राजेपुर ओपी के मीनापुर गांव स्थित वार्ड नंबर – 11 निवासी अभिषेक कुमार (23) ऑनलाइन फेक ट्रेडिंग व गेमिंग के माध्यम से साइबर फ्रॉड का अंतरराज्यीय नेटवर्क चलाता था. उसके गिरोह में एक दर्जन से अधिक साइबर अपराधी शामिल है. वह पंजाब समेत देश के अलग- अलग राज्यों से साइबर फ्रॉड की राशि मंगवाता था. उसने अपने कमरे में मिनी बैंक बना रखा था. जिला पुलिस की विशेष टीम की पूछताछ में गिरफ्तार साइबर अपराधी विकास कुमार ने कई खुलासा किया है. इसके आधार पर फरार मास्टरमाइंड अभिषेक कुमार समेत नेटवर्क में शामिल अन्य शातिरों की गिरफ्तारी को लेकर साइबर व डीआइयू की टीम छापेमारी कर रही है. ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने शुक्रवार को पूरे मामले का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को एसएसपी सुशील कुमार को गुप्त सूचना मिली थी कि राजेपुर थाना के मीनापुर गांव में चापाकल के ठेकेदार नगीना भगत के घर में साइबर फ्रॉड का एक बड़ा नेटवर्क चल रहा है. सूचना के आलोक में एसएसपी ने उनके अनुश्रवण में तीन अलग- अलग टीम का गठन किया. एक टीम सरैया एसडीपीओ कुमार चंदन, दूसरी टीम साइबर डीएसपी हिमांशु कुमार व तीसरी टीम में साहेबगंज थानेदार सिकंदर कुमार व राजेपुर ओपी प्रभारी शामिल थे. टीम जब छापेमारी करने के लिए नगीना भगत के घर पर पहुंची तो उनकी आंखें खुली रह गयी. साइबर फ्रॉड के घर के अंदर एक मिनी बैंक मिला. बैंक में जो भी सुविधाएं रहती है. सारा उस मकान के अंदर मौजूद था. साइबर फ्रॉड गिरोह का मास्टरमाइंड अभिषेक कुमार पुलिस के पहुंचने से पहले फरार हो गया. लेकिन, उसके सहयोगी बड़े भाई विकास कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने घर से 15 लाख 88 हजार 139 रुपये नकदी, एक लैपटॉप, एक आइपैड, एक मॉनिटर, एक पैन ड्राइव, छह मोबाइल, एक नोट गिनने की मशीन, एक वाईफाई, एक राउटर, अलग- अलग बैंकों का 13 एटीएम कार्ड, आठ पासबुक, तीन चेकबुक और रुपये से भरा हुआ लॉकर जब्त किया है. पुलिस का कहना है कि साइबर फ्रॉड के घर से जो मोबाइल नंबर व बैंक डिटेल्स मिला है. उस पर पर पंजाब समेत अन्य बाहरी राज्यों से साइबर फ्रॉड की शिकायत मिलने की बात कही गयी है. इसको लेकर विकास को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी. इधर, पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिए नगीना भगत को पूछताछ के बाद पीआर बांड पर छोड़ दिया गया है. डिजिटल करेंसी चेस्ट खुलने का इंतजार ग्रामीण एसपी ने बताया कि डिजिटल करेंसी चेस्ट के अंदर कितनी राशि है, यह खुलने के बाद ही पता चलेगा. पुलिस की ओर से चेस्ट खोलने के आदेश के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की गयी है. कोर्ट से अनुमति मिलते ही जिस कंपनी का करेंसी चेस्ट है, उसके इंजीनियर से संपर्क करके मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में चेस्ट को खुलवाया जाएगा. इसमें लाखों रुपये होने की संभावना है. 14 घंटे कंप्यूटर पर बैठा रहता था अभिषेक पुलिस की पूछताछ में साइबर फ्रॉड गिरोह के मास्टरमाइंड अभिषेक के भाई विकास ने बताया है कि उसका छोटा भाई दिन में 14 घंटे लगातार कंप्यूटर सिस्टम पर बैठकर ट्रेडिंग करता रहता था. उसके आसपास पांच मोबाइल व आईपैड भी रखा रहता था. इंटरनेट की समस्या न हो इसके लिए घर में वाईफाई व राउटर लगवा रखा था. अधिकांश समय वह अपने कमरे में अकेले रहता था. किसी को पूछकर ही कमरे में दाखिल होने देता था. वह घर से भी बहुत कम निकलता था. उसको महंगी बाइक का शौक था. हाल में उसने 650 सीसी की बुलेट बाइक खरीदी थी. जिसको पुलिस ने जब्त की है. हवाला कारोबार में साइबर फ्रॉड की राशि लगाने की आशंका जिला पुलिस की विशेष टीम साइबर फ्रॉड गिरोह के सरगना अभिषेक कुमार के घर से भारी संख्या में रुपये की बरामदगी के बाद पुलिस को आशंका है कि वह साइबर फ्रॉड की राशि को हवाला के जरिए दूसरे देशों में भी भेजता रहा होगा. पुलिस इस बिंदु पर भी साक्ष्य जुटा रही है. पुलिस कहना है कि साइबर फ्रॉड से वह जो रुपये कमाता था वह दूसरे साइट्स पर लगाता था. घर के अंदर स्पेशल ड्रावर के अंदर छिपा कर रखा था करेंसी चेस्ट पुलिस जब छापेमारी करने पहुंची तो अभिषेक कुमार के घर के एक कमरे में ड्रावर देखा जब उसको खुलवाया तो उसके अंदर एक डिजिटल करेंसी चेस्ट मिला. फिर, उसको हटाया तो उसके साइड में एक लॉकर मिला. उसके अंदर 15 लाख 88 हजार रुपये कैश था. हरियाणा में साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग ली थी अभिषेक, भाई को भी कर दिया ट्रेंड पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आयी है कि अभिषेक ने हरियाणा में साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग ली थी. पहले वह छोटे- मोटे ट्रेडिंग करता था. लेकिन, जब ट्रेनिंग करके लौटा उसके बाद बड़ा साइबर फ्रॉड करने लगा. उसने अपने बड़े भाई विकास को भी साइबर फ्रॉड के लिए ट्रेंड कर दिया. पुलिस का कहना है कि दोनों भाई साइबर फ्रॉड की राशि मंगवाने के लिए किराये के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. इस वजह से अब तक डायरेक्ट साइबर थाने की पुलिस उन तक नहीं पहुंची थी. वह साल में एक बार हरियाणा या पंजाब भी जाता था. अभिषेक के पकड़ाने के बाद साइबर फ्रॉड के बड़े नेटवर्क का खुलासा होगा.

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