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संबद्ध अनुदानित महाविद्यालय संघर्ष मोर्चा ने शुरू किया आंदोलनशिक्षक बोले-सरकार के भेजे गये पैसे पर अड़ंगा लगा रहा है विवि
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरबीआरएबीयू परिसर में संबद्ध अनुदानित महाविद्यालय संघर्ष मोर्चा ने मांगों के बाबत आंदोलन की शुरुआत की. पहले दिन धरना स्थल पर सैकड़ों संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षक व कर्मचारियों ने आमसभा की. संबद्ध अनुदानित महाविद्यालय के पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार व प्रो संत ज्ञानेश्वर ने प्रेसवार्ता कर आंदोलन की रुपरेखा बतायी.
कहा कि कई बार संबद्ध कॉलेजों की समस्याओं के निराकरण को लेकर विवि प्रशासन से आग्रह किया गया, लेकिन अबतक इस दिशा में ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में मजबूरन शिक्षक व कर्मचारियों काे आंदोलन करना पड़ रहा है. कहा कि संबद्ध काॅलेज के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन मद में आठ महीने पूर्व ही सरकार अनुदान की राशि दे चुकी है.विवि प्रशासन जानबूझकर व्यवधान उत्पन्न कर राशि नहीं बांट रहा है.कॉलेज के शिक्षकों ने विभिन्न परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया है, लेकिन पारिश्रमिक के लिए भी शिक्षकों को भटकना पड़ रहा है. संबद्ध कॉलेजों को भी नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य है. नैक में शोध कार्य व लेख प्रकाशन पर अंक मिलते हैं, लेकिन संबद्ध डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को रिसर्च गाइड बनने से रोक दिया गया है. यह न्यायोचित नहीं है.
पारिश्रमिक बढ़ाने की मांग की
कॉलेजों में शासी निकाय का गठन नहीं किये जाने के कारण व्यवस्था गड़बड़ हो जाने की भी शिकायत की. इसके अतिरिक्त शिक्षकों ने ईपीएफ खाता सुनिश्चित करने, शिक्षकों का ठहराव भत्ता 750 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने, आंतरिक परीक्षा का मूल्यांकन पारिश्रमिक 15 प्रति छात्र करने की मांग की.
समय से नहीं मिलता प्रमाणपत्र
कॉलेज के शिक्षकों ने कहा कि अंतिम सेमेस्टर या वर्ष की परीक्षा के समय ही प्रोविजनल, डिग्री समेत अन्य मद में विवि राशि ले लेता है, लेकिन समय से विद्यार्थियों को औपबंधिक प्रमाण पत्र या मूल प्रमाण नहीं मिलता है. इस कारण अक्सर छात्र-छात्राएं विवि का चक्कर काटते हैं. संबद्ध डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को भी पदाधिकारी बनाने की भी मांग रखी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है