Arms Verification: बिहार विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने के लिए मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने शस्त्र सत्यापन अभियान को निर्णायक मोड़ पर पहुंचा दिया है. जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निर्देश पर जिले के 40 थानों में 25 जुलाई से 9 अगस्त तक विशेष सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है. जिन शस्त्रधारकों ने अब तक भौतिक सत्यापन नहीं कराया है, उनके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.
40 थानों में सुबह 10 से शाम 4 तक चलेगा सत्यापन अभियान
जिलाधिकारी ने सभी थानों पर दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है, जो सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक सत्यापन कार्य की निगरानी करेंगे. सत्यापन के बाद उसी दिन रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है. इस बार प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह आखिरी मौका है इसके बाद कोई मोहलत नहीं मिलेगी.
3407 में से 1728 का सत्यापन पूरा, 1679 अब भी लंबित
मुजफ्फरपुर जिले में कुल 3407 शस्त्र लाइसेंसधारी हैं, जिनमें से 1728 का सत्यापन हो चुका है. बाकी बचे 1679 लाइसेंसधारियों के लिए यह अंतिम अवसर है. प्रशासन ने बताया कि मई, जून और जुलाई में भी सत्यापन के लिए कई तिथियां तय की गई थीं, लेकिन कई लाइसेंसधारियों ने अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं की है.
सत्यापन न कराने पर लाइसेंस रद्द या निलंबित करने की चेतावनी
प्रशासन ने सख्त लहजे में कहा है कि अगर तय समय-सीमा तक सत्यापन नहीं कराया गया तो ऐसे लाइसेंस रद्द या निलंबित कर दिए जाएंगे. जिलाधिकारी ने सभी लंबित लाइसेंसधारियों से अनुरोध किया है कि वे जरूरी कागजातों के साथ अपने नजदीकी थाने पहुंचकर भौतिक सत्यापन जल्द से जल्द करा लें.
फोटो मिलान अनिवार्य, उत्तराधिकारियों के मामलों में सतर्कता
दंडाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि हर लाइसेंसधारी की फोटो से मिलान कर ही सत्यापन किया जाए. खासतौर से उन मामलों में जहां शस्त्र किसी उत्तराधिकारी के पास हैं, सख्ती से पहचान सुनिश्चित करने को कहा गया है.
राज्य से बाहर रहने वालों को भी चेतावनी, जमा कराएं शस्त्र
जो लाइसेंसधारी वर्तमान में बिहार से बाहर हैं, उन्हें 7 अगस्त 2025 तक अपने शस्त्रों को नजदीकी थाने या अधिकृत प्रतिष्ठानों में जमा कराने का निर्देश दिया गया है. जब तक उनके मूल राज्य से सत्यापन नहीं होता, ऐसे शस्त्रों को अवैध माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.