बिहार सरकार ने शुरू किया है पंजीकरण पोर्टल
शहरी व ग्रामीण कलाकार पायेंगे वैश्विक पहचानउपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
सूबे के कलाकारों को डिजिटल पहचान मिलेगी. बिहार सरकार ने कलाकारों के लिए पंजीकरण पोर्टल शुरू किया है. इससे शहरी व ग्रामीण कलाकार वैश्विक पहचान पा सकेंगे.कला व संस्कृति को एक नया आयाम देने के लिए बिहार सरकार ने प्रतिभावान कलाकारों के लिए पंजीकरण पोर्टल शुरू किया है. कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की इस पहल से मुजफ्फरपुर के कलाकारों में खुशी है. पहले कुछ कलाकारों को ही सरकारी स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलता था और उन्हें सरकार से पारिश्रमिक दिया जाता था, लेकिन अब पंजीयन होने से विभिन्न विधा के ग्रामीण कलाकारों को भी मौका मिल सकेगा. जिला और राज्य स्तर के अलावा राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के लिए भी इन कलाकारों का चयन किया जायेगा.
पंजीकरण पोर्टल से ऐसे कलाकारों को भी पहचान मिलेगी, जो अब प्रतिभा के बावजूद अब तक उपेक्षित थे. विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद भी उन्हें सरकारी मंच नहीं मिलता था. पोर्टल में सभी विधा के कलाकारों के निबंधन का प्रावधान है, जिसमें कवि व साहित्यकार भी शामिल हैं, लेकिन इससे सबसे अधिक फायदा शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय गायन, लोकगीत व नृत्य, नाट्य, चित्र व मूर्तिकला व वाद्य यंत्र के वादकों व थियेटर के कलाकारों को होगा. पंजीकरण फॉर्म में कलाकारों को रोज का पारिश्रमिक अपने अनुसार निर्धारित करने की भी सुविधा दी गयी है.सभी कलाकारों का जारी होगा यूनिक नंबर
नामांकन की प्रक्रिया कलाकारों को खुद करनी है. वे कला संस्कृति व युवा विभाग के वेबसाइट पर जाकर अपना नामांकन खुद करेंगे और मांगे गये ब्योरे के अनुसार फॉर्म भरेंगे. इसमें वह जिस विधा से हैं, इसके बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी. इसके बाद कलाकारों के मेल पर यूनिक नंबर आ जायेगा. यह यूनिक नंबर भविष्य में सरकारी योजनाओं, पुरस्कारों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, सांस्कृतिक आयोजनों व अन्य सरकारी पहलों में भागीदारी के लिए अनिवार्य होगा. इससे गुमनामी में रह रहे कलाकारों को अपनी कला को प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है