23.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

मानसून रेखा कमजोर, पूरे जुलाई में सामान्य से कम बारिश की संभावना

Below normal rainfall throughout July

उत्तर बिहार में मानसूनी रेखा की कमजोरी से बारिश में आई कमी, जीवन प्रभावित

मौसम वैज्ञानिक का कहना है, जुलाई के अंत तक बदलाव की उम्मीद

भीषण गर्मी और उमस से लोग परेशान, दिन का तापमान 35 डिग्री के करीब

किसानों की चिंता बढ़ी, कृषि कार्यों पर पड़ेगा असर, सिंचाई की व्यवस्था जरूरी

मानसूनी सक्रियता का इंतजार कर रहे हैं सभी, राहत का एकमात्र उपाय

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

उत्तर बिहार में मानसूनी रेखा के कमजोर पड़ने के कारण बारिश थम गयी है. जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. मौसम वैज्ञानिकों ने पूरे जुलाई महीने में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका जतायी है. जिससे किसानों और आम लोगों की चिंता बढ़ गयी है. फिलहाल, छिटपुट स्थानों पर हल्की बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है, लेकिन यह भीषण गर्मी से राहत दिलाने में नाकाफी साबित हो रहा है. सोमवार को भी सुबह से शाम तक चिलचिलाती धूप ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया. उमस भरी गर्मी ने लोगों को बेचैन कर दिया और घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया. दिन भर आसमान में कई बार बादल मंडराते दिखे, जिससे बारिश की उम्मीद जगी, लेकिन आखिरकार लोगों को निराशा ही हाथ लगी और एक बूंद भी नहीं गिरी. शहर और ग्रामीण इलाकों में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए तरह-तरह के जतन करते देखे गए, लेकिन बढ़ती उमस ने सभी को परेशान कर रखा है.

मौसम वैज्ञानिक ने कहा

मौसम वैज्ञानिक डा. एके सत्तार ने बताया कि मॉनसूनी प्रणाली का सक्रिय न होना ही इस स्थिति का मुख्य कारण है. उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि जुलाई के अंत तक ही मौसम में कोई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकता है. जब मानसूनी रेखा के फिर से सक्रिय होने की उम्मीद है. तब तक, उत्तर बिहार के लोगों को गर्मी और उमस से जूझना पड़ सकता है.

35 डिग्री के करीब रहा दिन का पारा

मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जो सामान्य से 1.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है. वहीं, न्यूनतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.1 डिग्री सेल्सियस कम था. हवा की गति 17.1 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई, और हवा की दिशा पुरवा रही. पुरवा हवाएं आमतौर पर नमी लाती हैं, लेकिन मानसूनी रेखा की कमजोरी के कारण वे प्रभावी साबित नहीं हो रही हैं.

कृृषि कार्य पर पड़ेगा असर

इस स्थिति का सीधा असर कृषि पर पड़ने की संभावना है. खासकर धान की रोपाई और अन्य खरीफ फसलों पर, किसानों को पर्याप्त बारिश न होने से सिंचाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर निर्भर रहना पड़ रहा है. जिससे लागत बढ़ रही है. मानसून के पूरी तरह से सक्रिय होने का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है ताकि इस भीषण गर्मी और उमस से राहत मिल सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel