संकटमय भविष्य
प्रदूषण से पहले एलर्जी, बाद में दमा से पीड़ित हो रहे हैं लोगशहर के कुछ हिस्सों में हवा ठीक, पर ज्यादातर में हाल बुरा
सात दिनों में बियाडा क्षेत्र में एक्यूआइ 216 तक पहुंच गयाउड़ती धूल को रोकने के लिए नहीं कर रहे जरूरी पहल
माधव 7 से 10उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरबियाडा की हवा ””जहरीली”” होने से यहां के लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है. इन दिनों शहर के अधिकांश हिस्से फिलहाल वायु प्रदूषण के मामले में सेफ जोन में हैं, वहीं औद्योगिक क्षेत्र बियाडा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हद तक पहुंच गया है.
शहर का एक्यूआइ 42 से 90 के बीच बना हुआ है, जो संतोषजनक है, पर बियाडा क्षेत्र में सात दिनों में एक्यूआइ 216 तक पहुंच गया है. यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है. इस गंभीर स्थिति ने स्थानीय निवासियों, खासकर बुजुर्गों व एलर्जी से ग्रस्त मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है.ट्रकों के आवागमन व धूल से स्थिति खराब
बियाडा क्षेत्र में वायु प्रदूषण के बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. ट्रकों का भारी आवागमन, सड़कों पर उड़ने वाली धूल व नारायणपुर रैक प्वाइंट से गिट्टी की अनलोडिंग अहम वजह है. इन गतिविधियों से हवा में सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ रही है, जो सीधे फेफड़ों में पहुंचकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर कर रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियत्रण पर्षद के अनुसार एक्यूआइ का 201 से 300 के बीच होना बहुत खराब श्रेणी में आता है. यहां के निवासियों को सांस लेने में दिक्कत, खांसी, गले में जलन व आंखों में परेशानी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदूषण से बचाव के लिए हो उपाय
बियाडा क्षेत्र में भारी वाहनों के प्रवेश व निकास के समय को नियंत्रित किया जा सकता है. धूल को उड़ने से रोकने के लिए नियमित रूप से सड़कों पर पानी का छिड़काव करना जरूरी है. नारायणपुर रैक प्वाइंट पर गिट्टी अनलोडिंग के दौरान धूल के फैलाव को कम करने के लिए बेहतर तकनीकों व प्रबंधन प्रणालियों का उपयोग किया जाना चाहिये. स्थानीय निवासियों को वायु प्रदूषण के खतरों व उससे बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करना भी जरूरी है.बियाडा क्षेत्र में एक्यूआइ2 जून – 136
3 जून – 2164 जून – 136
5 जून – 756 जून – 150
7 जून – 1048 जून – 166
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