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Bihar Land Registry: ई-निबंधन में कटरा रजिस्ट्री ऑफिस बना चैंपियन, पहले ही दिन बनाया रिकार्ड

Bihar Land Registry: मुजफ्फरपुर के कटरा निबंधन कार्यालय में पहली बार 10 सितंबर को नए सॉफ्टवेयर से रजिस्ट्री की गई. पहले दिन 48 दस्तावेजों का निबंधन होने पर विभाग भी हैरान रह गया. सचिव के आदेश पर मुख्यालय से पहुंची टीम ने जांच के बाद क्लीन चिट दे दी. अब कटरा के सब रजिस्ट्रार को पुरस्कार मिल सकता है.

Bihar Land Registry: जमीन की खरीद-बिक्री प्रक्रिया में बदलाव करते हुए राज्य सरकार की तरफ से बिहार के कुछ चुनिंदा रजिस्ट्री ऑफिस में लागू किये गये ई-निबंधन सॉफ्टवेयर में मुजफ्फरपुर जिले का कटरा रजिस्ट्री ऑफिस आगे निकल गया है. यानी, ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से जो रजिस्ट्री की प्रक्रिया बिहार में शुरू हुई है, उसमें नियम लागू होने के पहले ही दिन कटरा रजिस्ट्री ऑफिस 48 दस्तावेजों की रजिस्ट्री कर राज्य स्तर पर अपने नाम खिताब हासिल कर लिया है. हालांकि, खिताब अपने नाम करने से पहले कटरा रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारी व कर्मियों को गड़बड़ करने की आशंका के बिंदुओं की जांच से भी गुजरना पड़ा है.

गड़बड़ी की आशंका पर हुई जांच

दरअसल, दूसरे फेज में चयनित रजिस्ट्री ऑफिस में मुजफ्फरपुर जिले का कटरा ऑफिस का नाम था. 09 से इसे लागू किया गया. दूसरे दिन 10 सितंबर को रजिस्ट्री हुई. इससे पहले कातिब और कर्मियों को ट्रेंड किया गया. 10 सितंबर को जो रजिस्ट्री हुई. इसमें 53 दस्तावेज दाखिल किया गया. इसके अनुपात में 48 की रजिस्ट्री नये सॉफ्टवेयर के माध्यम से कर दिया गया. इसपर विभागीय अधिकारियों को शंका हुआ कि कही सॉफ्टवेयर को किसी ने हैक तो नहीं कर लिया है. कारण कि बिहार के अन्य ऑफिस में जहां-जहां इसे लागू किया गया है. काफी कम संख्या यानी 20 के अंदर ही एक दिन में दस्तावेजों की रजिस्ट्री हो रही है. इस कारण विभाग को कुछ गड़बड़ होने की आशंका हुई. आनन-फानन में मुख्यालय से जांच के आदेश दिये गये.

जांच में क्लीन चिट

बुधवार को तिरहुत प्रमंडल के सहायक महानिरीक्षक निबंधन (एआईजी) राकेश कुमार के अलावा जिला अवर निबंधक मनीष कुमार को कटरा ऑफिस भेजा गया. दो घंटे से अधिक देर तक जांच चली. इसमें कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली. अधिकारियों के अनुसार, नये सॉफ्टवेयर को लेकर जो ट्रेनिंग दिया गया. इसके अनुसार ही ऑफिस के कर्मचारी व लाइसेंसी कातिब ऑनलाइन इंट्री करते हुए दस्तावेजों की रजिस्ट्री कराया है.

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क्या है ई-निबंधन सॉफ्टवेयर

अभी डीड राइटर (कातिब) जमीन की रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज तैयार करते हैं, जिसे रजिस्ट्री ऑफिस में दाखिल किया जाता है. इसके बाद पूरी जानकारी ऑफिस में तैनात स्टाफ भरते हैं. ई-निबंधन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पब्लिक को खुद घर से या फिर साइबर कैफे में जाकर खरीद-बिक्री होने वाले जमीन की पूरी जानकारी भरनी होगी. इसके बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होगी.

ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से कैसे होगी रजिस्ट्री

नयी रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत जमीन की बिक्री करने वाले व्यक्ति का आधार सत्यापन जरूरी होगी. जैसे बैंक में ई-केवाईसी होता है. ठीक उसी प्रकार अंगूठा का निशान लेकर आधार नंबर का सत्यापन होगा. बिना सत्यापन अगर ऑफिस में चाहेगा, तो ई-निबंधन सॉफ्टवेयर प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ने देगा. इससे रजिस्ट्री में होने वाली फर्जीवाड़े पर ब्रेक लगेगा.

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बिना आधार सत्यापन कोई भी रजिस्ट्री नहीं

Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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