Bihar News: मां के नाम पर दिया जाने वाला डॉ. शांति कुमारी सेवा सम्मान इस साल (2025) देश के तीन साहित्यकारों को दिया जायेगा. लोकभाषा में बज्जिका साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिये रामनरेश शर्मा, गजल के क्षेत्र में विजय कुमार स्वर्णकार और गीत के लिये हीरा लाल मिश्र मधुकर का चयन किया गया है. रविवार को वेबिनार के माध्यम से हुई बैठक में चयन समिति ने विचार-विमर्श के बाद इन तीन साहित्यकारों के नाम की घोषणा की. बैठक की अध्यक्षता अनिरुद्ध सिन्हा ने की.
लोकभाषा के क्षेत्र में दिया जाता है यह सम्मान
वेबिनार में राहुल शिवाय ने विषय प्रवेश कराते हुए कार्यक्रम की प्रासंगिकता और सार्थकता पर अपनी बात रखी. वशिष्ठ अनूप ने गीत सम्मान हेतु वाराणसी के हीरालाल मिश्र मधुकर, गोपाल फलक ने लोक भाषा बज्जिका के लिये रामनरेश शर्मा और राहुल शिवाय ने गजल के क्षेत्र में विजय कुमार स्वर्णकार का नाम प्रस्तावित किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया. बीएचयू के हिंदी विभागाध्यक्ष वशिष्ठ अनूप ने कहा कि गीत, ग़ज़ल व लोकभाषा के क्षेत्र में दिया जाने वाला यह सम्मान पूरे देश में चर्चित है.
देश की माताओं का सम्मान है यह अवार्ड

वहीं, डॉ अमर पंकज ने कहा कि सही और सार्थक चयन इस सम्मान की विशेषता है. मां के नाम पर दिया जाने वाला यह सम्मान देश की तमाम माताओं का सम्मान है. राहुल शिवाय ने कहा कि हिंदी ग़ज़ल के क्षेत्र में विजय कुमार स्वर्णकार एवं गीत के क्षेत्र में हीरालाल मिश्र मधुकर का योगदान अविस्मरणीय है. चयन समिति में दिल्ली यूनिवर्सिटी के डॉ अमरनाथ पंकज, भोपाल के दिनेश प्रभात, बीएचयू के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ वशिष्ठ अनूप, साहित्यकार व आलोचक अनिरुद्ध सिन्हा, जगन्नाथ मिश्र महाविद्यालय के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ पंकज कर्ण, चित्रकार गोपाल फलक, विनय कुमार, राहुल शिवाय, अविनाश भारती व विजय कुमार शामिल थे.
इससे पहले इन्हें मिल चुका है सम्मान
संस्था की सचिव डॉ. भावना ने बताया कि पूर्व में यह सम्मान गजल के लिये अनिरुद्ध सिन्हा, बीएचयू के हिंदी विभागाध्यक्ष वशिष्ठ अनूप, ओमप्रकाश यती, गीत सम्मान भोपाल के दिनेश प्रभात, दिल्ली के राहुल शिवाय, यूपी के अवनीश त्रिपाठी, लोक भाषा सम्मान महाकवि अवधेश्वर अरुण, शारदा चरण और रामानंद सिंह को दिया जा चुका है. इस साल यह कार्यक्रम 10 जुलाई को शिक्षाविद् और साहित्यकार डॉ शांति कुमारी की जयंती पर आयोजित होगा. सभी चयनित साहित्यकारों को 5100 रूपये, यात्रा-भत्ता, शॉल और प्रतीक चिह्न दिया जायेगा.