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Bihar News: 41 माह में नन हिट एंड के रन के 91 मामले, पुलिस ने अब तक 28 में जारी किया फॉर्म -7

मुजफ्फरपुर सड़क दुर्घटना में नन हिट एंड रन के तहत जिले में एक जनवरी 2022 से 22 मई 2025 तक (41 माह) में आइरेड में 1052 मामले आये, जिसमें ई डार पर 981 प्रदर्शित आवेदन में महज 28 मामलों में पुलिस द्वारा अब तक फॉर्म सात निर्गत किया गया. जबकि बीते माह में डीएम के निर्देश पर जिले के सभी थानों के पुलिस पदाधिकारी व डाटा इंट्री ऑपरेटर को आइरेड व ई-डार पर इन मामलों के इंट्री करने को लेकर तीन दिन का प्रशिक्षण डीटीओ ऑफिस में दिया गया.

कुमार गौरव/ Bihar News: नन हिट एंड रन के तहत आने वाले मामलों पुलिस द्वारा समय से इस दिशा में कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण आगे इन मामलों में कार्रवाई नहीं हो पा रही है. हाल ही में डीएम की अध्यक्षता में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह बात सामने आयी, इस पर डीएम ने सभी एसडीओ व डीएसपी ट्रैफिक को निर्देश दिया गया कि वह व्यक्तिगत अभिरूची लेकर सभी थानों से इसकी शत प्रतिशत इंट्री पोर्टल पर कराना सुनश्चित कराये. इसके साथ ही डीटीओ इसकी मॉनिटरिंग के निर्देश दिये गये है.

क्या है नन हिट एंड रन

सड़क दुर्घटनाओं के उन मामलों में, जहां दुर्घटना करने वाले वाहन का नंबर पता चल जाता है या वह पकड़ में आ जाता है. उन मामलों को नॉन-हिट एंड रन के तहत दर्ज किया जाता है और उनकी सुनवाई ट्रिब्यूनल में होती है. जहां ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जो न्यायाधीश होते है वह दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद मुआवजे के भुगतान का आदेश देते है. इसमें दोनों कम से कम 5 लाख रुपये का मुआवजा पीड़ित पक्ष को दिलवाया जाता है.

आपसी सहमति से समझौता…

दोनों पक्ष आपसी सहमति से समझौता कर लेते है, तो मामले का निपटारा 90 दिनों के भीतर कर दिया जाता है. यदि दुर्घटना में शामिल वाहन मालिक ने थर्ड पार्टी बीमा कराया है, तो मुआवजा बीमा कंपनी द्वारा दिया जाता है. यदि थर्ड पार्टी बीमा नहीं है, तो मुआवजे के भुगतान की जिम्मेदारी वाहन मालिक पर होती है. ऐसे में वाहन मालिक अपने गाड़ी का थर्ड पार्टी बीमा जरूर कराये, ऐसे में भविष्य में अगर उनकी गाड़ी से कोई दुर्घटना घटती है तो मुआवजा भुगतान बीमा कंपनी को करना होगा ना कि गाड़ी मालिक को.

बिहार में सात जगह ट्रिब्यूनल

प्रदेश में सात जिलों में ट्रिब्यूनल कोर्ट खोला गया है, जहां नन हिट एंड रन के मामलों की सुनवाई होती है. यह ट्रिब्यूनल मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, गया, सारण, पूर्णिया, पटना में है. जहां प्रमंडल से जिलों में आये मामलों की सुनवाई की जाती है. यहां सुनवाई के दौरान सभी मामलों की पूरी रिपोर्ट आवश्यक होती है, जिसके आधार पर मामले में मुआवजा भुगतान का निर्देश दिया जाता है.

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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