देवेश कुमार/ Bihar News: मुजफ्फरपुर शहर से ज्यादा आसपास के क्षेत्रों में बड़े-बड़े बिल्डिंगों का निर्माण हो रहा है. अधिकतर भवनों का निर्माण बिना नक्शे की स्वीकृति के होती है. ऐसे में भविष्य के लिए यह घातक हो सकता है. इसी को देखते हुए महापौर निर्मला साहू ने नगर निगम को आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया था. नगर आयुक्त ने मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के एमडी को पत्र लिख कर आयोजना क्षेत्र के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन नक्शे की स्वीकृति की व्यवस्था करने को कहा है. एक महीने के भीतर इस कार्य को करना है. इस पहल से मुजफ्फरपुर और उसके आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी आने की उम्मीद है. यह कदम जहां एक ओर लोगों को सहूलियत प्रदान करेगा, वहीं दूसरी ओर कागजी कार्रवाई और अनावश्यक देरी को भी कम करेगा. इस निर्णय से आयोजना क्षेत्र के निवासियों को अब अपने घरों के नक्शे स्वीकृत कराने के लिए नगर निगम कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, जिससे उनका समय और परेशानी दोनों बचेंगे.
अभी सिर्फ शहरी क्षेत्र के नक्शे की ऑनलाइन मिलती है मंजूरी
र्तमान में मुजफ्फरपुर नगर निगम का जो पोर्टल मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी कंपनी ने बनाया है. इस पर सिर्फ नगर निगम क्षेत्र यानी 49 वार्डों के नक्शे की स्वीकृति ऑनलाइन करने का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त आयोजना क्षेत्र के नक्शों को ऑनलाइन स्वीकृत करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.
216 गांव पड़ता है मुजफ्फरपुर आयोजना क्षेत्र में
मुजफ्फरपुर आयोजना क्षेत्र में कुल 216 गांव पड़ता है. इसमें मुशहरी प्रखंड के अलावा आसपास के कांटी, कुढ़नी, मड़वन, बोचहां और मीनापुर का इलाका शामिल है. सबसे अधिक 115 राजस्व ग्राम मुशहरी प्रखंड का है. इसके अलावा 43 राजस्व ग्राम कांटी, मड़वन का 23 राजस्व ग्राम, कुढ़नी का 18, बोचहां का 10 और मीनापुर का 07 राजस्व ग्राम को शामिल किया गया है.
01 जनवरी से इसी रेट पर स्वीकृत हो रहा नक्शा
निर्माण की श्रेणी | नगर निगम क्षेत्र | नगर परिषद क्षेत्र | नपं एवं ग्रेटर मुजफ्फरपुर के 216 गांवों का |
जी प्लस टू | 96.80 | 72.60 | 48.40 |
जी प्लस थ्री से जी प्लस 05 तक | 121 | 96.80 | 72.60 |
जी प्लस 05 से ऊपर | 145.20 | 121 | 96.80 |