मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
ग्रामीण विकास की रफ्तार धीमी पड़ती दिख रही है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को आवंटित राशि का आधा हिस्सा भी अभी तक खर्च नहीं हो पाया है. इस सुस्ती पर मुख्य सचिव ने गंभीर आपत्ति जताई है. उन्होंने डीएम और डीडीसी को इस मामले में कड़ी चेतावनी दी है. मुख्य सचिव ने कहा है कि वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है और अभी तक राशि खर्च न होना योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही को दर्शाता है. इससे ग्रामीण विकास कार्यों पर भी बुरा असर पड़ रहा है. राज्य के अन्य जिले में भी त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को आवंटित राशि खर्च करने में कोताही बरती है. जिसके वजह योजना आधी-अधूरी है.45.64 प्रतिशत राशि हुई खर्च
15वें वित्त आयोग के तहत केवल 45.64% और राज्य वित्त आयोगों के तहत 15.99 फीसदी राशि ही खर्च हो पाई है. राशि का समय पर उपयोग न होने पर डीडीसी और जिला पंचायती राज पदाधिकारियों की जवाबदेही तय होगी. मुख्य सचिव ने साप्ताहिक समीक्षा के आदेश दिए हैं और योजनाओं में बाधा आने पर तुरंत पंचायती राज विभाग से संपर्क करने को कहा है. राशि का पूरा उपयोग न होने पर भविष्य में आवंटन में कटौती की जा सकती है.B
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है