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मॉनसून से पहले नालों की सफाई अधूरी, अतिक्रमण जस का तस, निगम की कार्रवाई का इंतजार

Cleaning of drains incomplete before monsoon

– मानसून से पहले नगर निगम प्रशासन ने 72 घंटे के भीतर नाले से अतिक्रमण स्वत हटाने की जारी की थी सूचना

– नाला अतिक्रमण से नालों की सफाई में होती परेशानी, बारिश से पहले कर लेनी है पूरी सफाई

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

मॉनसून की दस्तक से पहले मुजफ्फरपुर नगर निगम की एक बड़ी चुनौती सामने खड़ी है. नालों की सफाई को लेकर निगम प्रशासन द्वारा दिए गए 72 घंटे के अतिक्रमण खाली करने का अल्टीमेटम समाप्त हो चुका है, लेकिन जमीनी हकीकत जस की तस बनी हुई है. शहर की शायद ही कोई मुख्य सड़क ऐसी हो जहां नालों पर अतिक्रमण न हो.

शहर के प्रमुख मार्गों पर अतिक्रमण की मार:

टावर से सिकंदरपुर मोड़ तक सड़क के दोनों ओर नालों पर स्थायी दुकानों के साथ-साथ फुटपाथी दुकानदारों का पूरा कब्जा है. जवाहर लाल रोड, कल्याणी चौक, गौशाला चौक, मोतीझील, कलमबाग रोड, आमगोला, हरिसभा चौक, देवी मंदिर रोड, गोला रोड, पंकज मार्केट और कंपनीबाग जैसे प्रमुख मार्गों पर भी नालों पर पूरी तरह से अतिक्रमण देखा जा सकता है. स्थायी दुकानदार अपनी आधी दुकान नालों के ऊपर सजाए रखते हैं, और बची हुई थोड़ी सी जगह पर फुटपाथी दुकानदार अतिक्रमण कर लेते हैं.

समस्या की जड़: कचरा और अनियमित सफाई:

इन दुकानदारों द्वारा कचरा सीधे नालों में डाल दिया जाता है, जिससे नाले जाम हो जाते हैं. अतिक्रमण के कारण नालों की नियमित और सही तरीके से सफाई भी नहीं हो पाती है. देवी मंदिर रोड में तो मंदिर के पास एक दुकानदार ने नाले के ऊपर करीब तीस से चालीस फीट तक पक्की ढलाई कर पूरे जगह को अतिक्रमित कर लिया है. कमोबेश यही स्थिति सभी मुख्य सड़क किनारे के नालों की है.

निगम की चेतावनी, कार्रवाई का इंतजार:

नगर निगम ने पाया है कि कई व्यक्तियों द्वारा नालों पर अतिक्रमण किया जा रहा है और घरों व दुकानों के आसपास के नालों में कूड़ा-कचरा, पॉलीथिन, निर्माण सामग्री जैसी अनुपयोगी वस्तुएं डाली जा रही हैं. इस लापरवाही के कारण नालों का अवरुद्ध होना, जल निकासी में बाधा, बीमारियों का फैलना और जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे मॉनसून के दौरान स्थिति और भी बदतर होने की आशंका है.

इसी को लेकर नगर निगम प्रशासन द्वारा सार्वजनिक सूचना के माध्यम से अंतिम चेतावनी देते हुए निर्देश दिए गए थे कि नाले के ऊपर किए गए सभी प्रकार के अतिक्रमण को 3 दिनों के भीतर हर हाल में हटा लें. आदेश का उल्लंघन करने पर बिहार नगरपालिका अधिनियम-2007 की धारा-205 और धारा-435 के तहत अतिक्रमण हटाने का खर्च संबंधित व्यक्ति से वसूल किया जाएगा. इसके अलावा भारी जुर्माना लगाया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. लगातार नियमों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों के व्यापार लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू करने की चेतावनी दी गई थी.

हालांकि, समय सीमा समाप्त हो चुकी है और अब नगर निगम प्रशासन की कठोर कार्रवाई का इंतजार है ताकि मॉनसून से पहले जलजमाव की समस्या से शहर को बचाया जा सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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