-मुजफ्फरपुर -बेंगलुरु एक्सप्रेस में नहीं सो पाये मुसाफिर
मुजफ्फरपुर.
मुजफ्फरपुर-बेंगलुरु एक्सप्रेस (15228) में तिलचट्टों (कॉकरोच) के कहर से मुसाफिर पूरी रात साे नहीं सके. एसी-2 कोच में अचानक ढेरों तिलचट्टे रेंगने लगे. वे कोच की सीटों, दीवारों और यहां तक कि खाने की ट्रॉली पर भी बड़ी संख्या में उछल-कूद कर रहे थे. इससे यात्रियों की नींद उड़ गयी.मामले में मुजफ्फरपुर से सफर कर रहे ज्ञानेश्वर सहित कई लोगों ने रेल मंत्रालय व इसीआर के अधिकारियों को टैग कर इसकी शिकायत की. वीडियो भी साझा किया. यात्रियों ने बताया कि मंगलवार रात 8 बजे अधिकांश यात्री आराम कर रहे थे. तभी कोच में बड़ी संख्या में तिलचट्टों को घूमते हुए देखा. पहले तो यात्रियों ने इसे अनदेखा किया, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती चली गयी. चहुंओर वे नजर आने लगे. इस मामले में 12 घंटे बाद बुधवार को एजेंसी पर सोनपुर मंडल के डीआरएम ने एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
बेअसर रहा दवा का छिड़काव
यात्रियों ने इसकी शिकायत ट्रेन अटेंडेंट से की, लेकिन उनके द्वारा कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गयी. काफी कहने पर दो बार स्प्रे कर रेल स्टाफ चले गए, लेकिन इसका असर नहीं हुआ. कुछ ही देर में कॉकरोच फिर से घूमने लगे. यात्रियों का कहना है कि अटेंडेंट ने कोच की सफाई व्यवस्था को लेकर लापरवाही बरती और इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया. पूरी रात यात्री कॉकरोचों के डर व बदबू के कारण सो नहीं पाये.
पेस्ट कंट्रोल की व्यवस्था फेल
भारतीय रेलवे ट्रेनों में स्वच्छता व यात्रियों को आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. हाल के दिनों में कई ट्रेनों में पेस्ट कंट्रोल की व्यवस्था पूरी तरह से फेल होती नजर आ रही है, जिससे यात्रियों को कॉकरोच, चूहों व अन्य कीटों के आतंक का सामना करना पड़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है