फोटो:: माधव 13 संवाददाता, मुजफ्फरपुर शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बुधवार को बंदियों के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. जेल अधीक्षक ब्रिजेश सिंह मेहता व जेलर संजय कुमार के साथ सेंट्रल जेल के अधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर शुरुआत की. पायलट प्रोजेक्ट के तहत बंदियों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (एनआइइएलआइटी) पटना की ओर से वोकेशनल कोर्स की ट्रेनिंग दी जायेगी. सेंट्रल जेल के स्कूल के एक क्लासरूम में 10 कंप्यूटर सिस्टम लगाया गया है. कार्यक्रम के शुभारंभ होते ही सभी सिस्टम पर पुरुष व महिला बंदियों को बैठाकर उनको बेसिक प्रशिक्षण दिया गया. गुरुवार से एनआइइएलआइटी पटना के प्रशिक्षक बंदियों को कंप्यूटर कॉन्सेप्ट एक डिजिटल लिटरेसी का 90 दिनों का कोर्स कराया जायेगा. इसके अलावा रिसर्च इन इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल सिक्योरिटी जैसे कोर्स भी बंदियों को कराया जाएगा. इसको लेकर बिहार सरकार के कारा एवं सुधार निदेशालय ने एनआइइएलआइटी के साथ एक एमओयू का करार किया है. इसमें कंप्यूटर प्रशिक्षण समेत अन्य वोकेशनल कोर्स की ट्रेनिंग दी जाएगी. मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल के साथ- साथ आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर व केंद्रीय कारा बक्सर के बंदियों को भी प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया है. कारा एवं सुधार निदेशालय के संयुक्त सचिव सह निदेशक संजीव जमुआर ने इस बाबत तीनों केंद्रीय कारा के अधीक्षक को निर्देश जारी किया है. इसमें प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बंदियों की सूची तैयार करके मुख्यालय भेजने को कहा गया है. बंदी सेंट्रल जेल में कंप्यूटर व अन्य टेक्निकल कोर्स का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद जैसे ही जमानत पर बाहर निकलेंगे उनको अच्छी सैलरी पर नौकरी मिलेगी और वह समाज के मुख्य धारा से जुड़कर अपना आगे का जीवन बिताएंगे.
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