वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ की विश्वविद्यालय इकाइ ने मंगलवार को बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया. संयोजक सह सीनेट सदस्य डॉ. धर्मेन्द्र कुमार चौधरी प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे. यह प्रदर्शन महासंघ के आह्वान पर किया गया, जिसमें शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आवाज उठायी. प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में उच्च न्यायालय पटना के निर्णय के आलोक में वेतन और पेंशन का भुगतान, साथ ही 2012 से 2017 तक के बकाया अनुदान का एकमुश्त भुगतान शामिल है. इसके अतिरिक्त, सत्र 2018 से अनुदान राशि की मांग के लिए विभागीय पोर्टल को फिर से चालू करने की भी मांग की गयी है. डॉ. धर्मेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि अगला कार्यक्रम 22 जुलाई 2025 को पटना के गर्दनीबाग में होगा. उन्होंने सभी शिक्षक-शिक्षकेत्तर साथियों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया. इस दौरान धीरेंद्र कुमार सिंह, ललितेश नारायण प्रसाद, सीमा कुमारी, जगन्नाथ बनर्जी, मिथिलेश कुमार, रवि शंकर प्रसाद ,रागिनी कुमारी, अशोक कुमार सिंह, अजीत कुमार सिंह, पूनम कुमारी, रमन कुमार ,विनोद कुमार , मनोज कुमार, पुरुषोत्तम पांडे, रेणु कुमारी,अरुण कुमार, आभा कुमारी ज्योत्सना कुमारी, बबीता कुमारी, नीलिमा उपस्थित थे.विश्वविद्यालय स्तर पर उठाई गई समस्याएं
विश्वविद्यालय स्तर पर भी कई समस्याओं को उठाया गया. इनमें अनुदानित महाविद्यालयों में लोकप्रिय विषयों (हिंदी, इतिहास, भूगोल और जूलॉजी) में नामांकन के लिए सीटों की संख्या में वृद्धि की मांग प्रमुख है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वर्तमान में इन विषयों में सीटों की संख्या घटा दी गयी है. जबकि उन विषयों में सीटें बढ़ा दी गयी हैं जिनमें नामांकन कम होता है या नहीं होता है. अन्य मांगों में उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का पारिश्रमिक अविलंब भुगतान , संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों को पूर्व की तरह पीएचडी रेगुलेशन 2016 के तहत सुपरवाइजर बनाया जाना शामिल है.दीपक- 14
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है