दीपक-18
यूजी पाठ्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए हुई बैठकवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बीआरएबीयू के भौतिकी विभाग में एनइपी-2020 के तहत चार वर्षीय यूजी पाठ्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए बैठक आयोजित की गयी. इसमें अकादमिक परिषद व सिंडिकेट के नये सदस्यों ने भाग लिया. यहां कोर्स की संरचना से लेकर छात्रों के समग्र विकास तक विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गयी. डॉ राजेश कुमार ने कोर्स व संरचना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए प्रत्येक दो महीने पर अकादमिक चर्चा आयोजित करने का सुझाव दिया. डॉ साकेत चौधरी ने क्षमता संवर्धन पाठ्यक्रम के महत्त्व पर प्रकाश डाला.कौशल विकास पर ज्यादा जोर
कहा कि चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को व्यवस्थित करने के लिए विभागवार समितियों के गठन की आवश्यकता है. अकादमिक परिषद के सदस्य डॉ सौरभ राज ने छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए अकादमिक परिषद की भूमिका को अहम बताया. प्रो प्रमोद कुमार ने सीबीसीएस की संरचना व इसके महत्त्व पर विस्तार डाला. उन्होंने कौशल विकास व छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत बतायी. सीनेट सदस्य टुनटुन ने कहा कि यदि विवि के अधिकारियों को पहले स्पष्ट जानकारी दी जाये और उन्हें प्रशिक्षित किया जाये तो कार्यान्वयन प्रक्रिया और भी बेहतर हो सकती है. डॉ रमेश गुप्ता ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की ग्रेडिंग प्रक्रिया की आलोचना की.प्रणाली दुरुस्त करने की जरूरत
भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो संगीता सिन्हा ने विवि की कार्यप्रणाली पर चिंता व्यक्त की. कहा कि विभागाध्यक्षों को पीएचडी वाइवा जैसी महत्त्वपूर्ण प्रक्रियाओं के बारे में सूचित तक नहीं किया जाता है. इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रो संजय कुमार ने भविष्य में कॉलेजों व संकायों की सीमाओं के समाप्त होने की संभावना जतायी. कहा कि भविष्य में डिग्री मॉड्यूल व क्रेडिट बैंक के माध्यम से विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से अर्जित क्रेडिट के आधार पर प्रदान की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है