अपनेपन के साथ इलाज से बढ़ रही मरीजों की उम्रडॉक्टर्स डे पर विशेष उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर आज के इस भाग-दौड़ भरे युग में, जहां अक्सर हर रिश्ते और सेवा को पैसे के तराजू में तौला जाता है, चिकित्सा का पेशा भी इससे अछूता नहीं रहा है. कई बार ऐसा लगता है कि बीमारियां सिर्फ व्यापार का जरिया बन गयी हैं और डॉक्टर-मरीज का रिश्ता सिर्फ एक लेन-देन तक सिमट गया है. लेकिन इन सबके बीच, कुछ ऐसे डॉक्टर भी हैं, जो आज भी अपने सेवा भाव और इंसानियत से इस पेशे की गरिमा बनाये हुए हैं. वह सिर्फ बीमारियों का इलाज नहीं करते, बल्कि मरीजों के दर्द को समझते हैं, उनकी बातों को सुनते हैं और उन्हें सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि एक इंसान मानते हुए पूरा समय देते हैं. जिले में होमी भाभा कैंसर अस्पताल भी उनमें एक है. यहां के डॉक्टर पूरी सेवा भाव से मरीजों का इलाज कर रहे हैं. कैंसर जैसी गंभी बीमारियों से पीड़ित होकर आने वाले रोगियों का ये डॉक्टर न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें संबल भी देते हैं. यहां ऐसे ही कुछ डॉक्टरों के विचारों को साझा किया जा रहा है. मरीजों की सेवा का उद्देश्य ही एकमात्र लक्ष्य हमारा राज्य आर्थिक रूप से बहुत मजबूत नहीं है. ऐसे में गरीब मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देना हमारा धर्म है. कैंसर एक गंभीर रोग है. इससे न केवल मरीज जूझते हैं, बल्कि पूरा परिवार जूझता है. होमी भाभा कैंसर अस्पताल इन मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है. उनकी देखभाल करता है. यह बीमारी किसी को नहीं हो, इसके लिये निरंतर कैंसर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. मरीजों की सेवा करने के उद्देश्य से ही काम कर रहा हूं. लोगों को जागरूक कर रहा हूं कि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों को समझे और इस बीमारी की चपेट में नहीं आये. – डॉ रविकांत, प्रभारी, होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र सेवा भाव का उद्देश्य रखे मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रकैंसर गंभीर बीमारी है. इनके मरीजों के साथ सिर्फ डॉक्टर की तरह व्यवहार नही किया जाता. मरीज डॉक्टर के पास जीने की उम्मीद लेकर आता है. हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करते हैं. डॉक्टरी सिर्फ पेशा नहीं, यह सेवा भी है. इसका ध्यान रखना जरूरी है. जो छात्र अभी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें भी आगे पूरी सेवा भाव से मरीजों का इलाज करने का संकल्प लेना है. मरीजों को पूरी बात सुनें. उन्हें समय दें. मरीज को विश्वास में लेकर उनका इलाज करें. इससे मरीज और डॉक्टर दोनों को संतुष्टि मिलेगी – डॉ आकांक्षा राजपूत सेवा भावना से इलाज, मरीजों की जिंदगी बचाना ही उद्देश्य मुजफ्फरपुर में होमी भाभा कैंसर अस्पताल खुलने से कैंसर के मरीजों को इलाज में काफी सुविधा मिली है. एक डॉक्टर के रूप में कैंसर मरीजों का इलाज करना सबसे चुनौतीपूर्ण, लेकिन भावनात्मक रूप एक समृद्ध अनुभव हैं. मरीज यहां उम्मीद लेकर आते हैं. इस बीमारी के इलाज में मरीजों के साथ डॉक्टरों को भी धैर्य की जरूरत होती है. हमलोग पूरी सेवा भावना स काम कर रहे हैं. बस एक ही लक्ष्य रहता है कि मरीजों की जिंदगी बच जाये. इस सफर ने मुझे सिखाया है कि सही समय पर जांच, इलाज और थोड़ा सा अपनापन किसी की जिंदगी बचा सकता है. – डॉ करुणा सिंह ………………………………………………. हाेमी भाभा कैंसर अस्पताल ने की 25 लाख 57 हजार लोगों की जांच मुजफ्फरपुर. होमी भाभा कैंसर अस्पताल ने अब तक 25 लाख 57 हजार 842 लोगों की जांच की है. यहां अब तक 9,651 रोगियों की सफल सर्जरी हो चुकी है. यहां उत्तर बिहार के अलावा नेपाल से भी मरीज इलाज के लिये पहुंचे रहे हैं. रेडियोथेरेपी की सुविधा शुरू होने के बाद से अब यहां के मरीजों को बनारस या मुंबई नहीं जाना पड़ रहा है. कई मरीज जो बाहर इलाज कराते थे, उन्हें भी वापस होमी भाभा कैंसर अस्पताल में भेजा जा रहा है. कैंसर अस्पताल खुलने से यहां के मरीजों को काफी सुविधा मिली है. जल्द ही यहां मरीजों और अटेंडेंट के ठहरने के लिए गेस्ट हाउस भी बनाया जायेगा. कैंसर अस्पताल में किये गये कार्य ओरल कैंसर जांच – 17,92,736 स्तन कैंसर जांच – 6,76,203 गर्भाशय ग्रीवा कैंसर जांच – 88,923 कीमोथेरेपी सत्र – 48,716 डे-केयर उपचार – 53,909
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