::: 14 अप्रैल शुरू होकर मई के अंत तक चलने वाला विशेष विकास शिविर
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बिहार सरकार ने राज्य के सभी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति टोलों में विकास सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है. इस अभियान का नाम “भीम समग्र सेवा अभियान ” है. यह आंबेडकर जयंती यानी 14 अप्रैल से शुरू होकर मई महीने के अंत तक चलेगा. इस अभियान के तहत प्रत्येक सप्ताह में दो दिन बुधवार और शनिवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति टोलों में विकास शिविर आयोजित किये जायेंगे. इन शिविरों में राजस्व और भूमि सुधार विभाग दो महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करेगा, जिन व्यक्तियों के पास अपने वास की जमीन नहीं है. उन्हें गृहस्थल का पर्चा उपलब्ध कराना. जिन लोगों को पहले से ही सरकार की किसी योजना के तहत वास की जमीन मिली है, लेकिन पर्चाधारी की मृत्यु हो गई है. उनके वंशजों के नाम दाखिल खारिज करना. जिला स्तर पर प्रत्येक टोले के लिए शिविर की तारीख तय की जायेगी. शिविर की तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले राजस्व कर्मचारी टोले का सर्वेक्षण करेंगे और वासगीत भूमि से वंचित परिवारों की पहचान करेंगे. इसके बाद अंचलाधिकारी और राजस्व पदाधिकारी जमीन का सर्वेक्षण करेंगे और पर्चे तैयार करेंगे. यदि शिविर के दिन जमीन उपलब्ध नहीं होती है, तो जिलाधिकारी उन परिवारों के नामों की घोषणा करेंगे, जिन्हें पर्चे मिलेंगे और पर्चे वितरित करने की संभावित तारीख की घोषणा करेंगे. सरकार का प्रयास है कि पर्चे उसी दिन वितरित किए जाएं जिस दिन शिविर आयोजित किया जा रहा है. अभियान में यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि यदि किसी परिवार को पहले पर्चा दिया गया था और पर्चाधारी की मृत्यु हो गई है तो उनके वंशजों का दाखिल खारिज किया जाये.
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