::: करोड़ों की लागत से मुजफ्फरपुर में बुडको के माध्यम से चल रहा है विकास कार्य
:: कार्य की धीमी गति को देखते हुए सरकार ने डीएम को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर में बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) के माध्यम से चल रही करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं की धीमी गति से राज्य सरकार नाराज है. मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजनाओं के बाद अब बुडको की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की निगरानी की जिम्मेदारी भी जिलाधिकारी (डीएम) को सौंप दी गयी है. नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है. इस फैसले के बाद अब मुजफ्फरपुर में बुडको द्वारा संचालित दो बड़ी परियोजनाओं की सीधी निगरानी डीएम करेंगे. इनमें सिकंदरपुर श्मशान घाट पर बन रहे लकड़ी और इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का निर्माण शामिल है, जिसकी अनुमानित लागत 775.3394 लाख रुपये है. इस परियोजना पर 20 फरवरी 2023 को समझौता हुआ था और वर्तमान में इसकी भौतिक प्रगति केवल 27 प्रतिशत है, जबकि इसे 30 जून 2025 तक पूरा किया जाना है. इसके अतिरिक्त, शहर की जल निकासी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 2019 से चल रही ड्रेनेज एवं एसटीपी परियोजना भी डीएम की निगरानी में रहेगी. बुडको के माध्यम से 183 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना पर 31 मई 2019 को समझौता हुआ था. अब तक इस परियोजना में 80 फीसदी भौतिक प्रगति हासिल की गयी है और इसे भी 30 जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि, इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की कार्य प्रगति काफी धीमी है, जिसे देखते हुए सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. डीएम को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपने का उद्देश्य परियोजनाओं में तेजी लाना और उन्हें निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करना है. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि डीएम के हस्तक्षेप के बाद इन विकास कार्यों की गति में कितना सुधार आता है और मुजफ्फरपुर के नागरिकों को कब इन योजनाओं का लाभ मिल पाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है