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माइक्रो कैचमेंट तरीके से खेतों में आएगी हरियाली, चल रही तैयारी

– किसानों को सुलभ व सस्ते दर पर पानी पहुंचाने के लिए बन रहा एक्शन प्लान – बारिश के पानी को जमा कर खेतों तक पहुंचाया जाएगा

प्रभात कुमार, मुजफ्फरपुर

नदी व नहर से वंचित इलाके के किसानों के लिए अच्छी खबर है. अब उनको खेती के लिए सिर्फ बोरिंग पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जल्द माइक्रो कैचमेंट तरीके से खेतों में पानी पहुंचेगा. सिंचाई की यह विधि काफी किफायती भी होगा. इसके लिए जलशक्ति मंत्रालय अपने स्तर से काम कर रहा है. जिले में वैसे इलाके का सर्वे किया जा रहा है, जहां वाटर लॉगिग होता है. यानी बारिश के पानी से जलजमाव होता है. इस पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जायेगा. दरअसल, माइक्रो कैचमेंट विधि से सिंचाई प्राकृतिक तरीेके से होता है. इसमें चैनल नहीं बनाना होता है. जलग्रहण क्षेत्र से खेत की दूरी अधिक होने पर पाइप के सहारे पानी पहुंचाया जाता है.

एम कैट विधि कैसे काम करती है?

इस विधि में खेत को छोटे-छोटे बेसिनों या कैचमेंट क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है. प्रत्येक बेसिन इस प्रकार बनाया जाता है कि वह अपने आसपास के छोटे से क्षेत्र से वर्षा जल को एकत्रित कर सके. इन बेसिनों के निचले हिस्से में फसलें लगाई जाती हैं. वर्षा होने पर, पानी बेसिन में इकट्ठा होता है और धीरे-धीरे मिट्टी में रिसकर पौधों की जड़ों तक पहुंचता है.एम कैट विधि के कई प्रकार हो सकते हैं, जिन्हें भूमि की ढलान, मिट्टी के प्रकार और उगाई जाने वाली फसल के आधार पर डिज़ाइन किया जाता है.

एम कैट विधि के लाभ

– यह विधि वर्षा जल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करती है और पानी की बर्बादी को कम करती है.

– बेसिन और मेड़ें बनाकर पानी के बहाव को धीमा किया जाता है, जिससे मिट्टी का कटाव कम होता है.

– पौधों को नियमित और पर्याप्त नमी मिलती है, जिससे उनकी वृद्धि अच्छी होती है और उपज बढ़ती है.

इस विधि में महंगी सिंचाई प्रणालियों की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे किसानों के लिए यह किफायती है.

– एक बार स्थापित होने के बाद, इन बेसिनों और मेड़ों को कम रखरखाव की आवश्यकता होती है.

– यह विधि विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए वरदान है जहां वर्षा कम होती है और पानी की कमी एक बड़ी समस्या है.

वर्जन

तेजी से नीचे जा रहे ग्राउंड वाटर के मद्देनजर सिंचाई की यह प्रणाली काफी कारगर है. मुजपु्फरपुर में भी भी कई इलाके में वाटर लेबल बहुत नीचे चला गया. इसे देखते हुए खेती के लिए एम कैट विधि पर गंभीरता से विचार चल रहा है. कई इलाके का सर्वे किया गया है.

राजभूषण निषाद

केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री B

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Kumar
Prabhat Kumar
I am working as a chief reporter at Prabhat Khabar muzaffarpur. My writing focuses on district administration, political, social, and current topics.

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