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मुजफ्फरपुर में गहराया पेयजल संकट: भू-जल स्तर खतरनाक स्तर पर, शहर की एक बड़ी आबादी पानी के लिए बेचैन

Ground water level is at dangerous level

प्रभात पड़ताल

तपिश भरी गर्मी में पानी के लिए तरस रहे शहरी, कई वार्डों में मोटर व बोरिंग फेल; मानसून से पहले स्थिति भयावह

पिछले कुछ वर्षों में मुजफ्फरपुर में भू-जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है, जो शहर के लोगों के लिए बनता जा रहा है चिंता का विषय

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

तपती धूप और चिलचिलाती गर्मी के बीच मुजफ्फरपुर शहर में पेयजल संकट गहरा गया है. शहर के दक्षिणी-पूर्वी इलाकों के कई वार्ड और मोहल्ले भीषण पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. भू-जल स्तर में तेजी से गिरावट के कारण लोगों के घरों में लगे सामान्य मोटर के साथ-साथ नगर निगम के बोरिंग भी फेल हो गये है. गन्नीपुर आईटीआई पंप के फेल होने के बाद अब सादपुरा पंप की स्थिति भी खराब हो गयी है, जो बार-बार फेल हो रहा है. इसके चलते वार्ड नंबर 29, 30, 31, 32, 33 और 34 की एक बड़ी आबादी को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है.

नगर निगम द्वारा कराये गये भू-जल स्तर के माप ने एक चिंताजनक तस्वीर पेश की है. आंकड़ों के अनुसार, शहर के कई प्रमुख क्षेत्रों में भू-जल स्तर खतरनाक स्तर तक गिर चुका है. खतरनाक इसलिए क्योंकि यह सामान्य स्तर से लगभग दोगुना नीचे चला गया है. बूढ़ी गंडक नदी से सटे जेल रोड, चंदवारा और कंपनी बाग जैसे इलाकों में पानी का स्तर 48-50 फीट तक पहुंच गया है, जबकि अखाड़ा घाट में यह 45-48 फीट और माड़ीपुर सर्किट हाउस पंप का भू-जल स्तर 36 फीट तक दर्ज किया गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि कल्याणी चौक और पुरानी सिकंदरपुर जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी भू-जल स्तर क्रमशः 40 फीट और 42 फीट तक नीचे चला गया है.

आने वाले महीनों में और बिगड़ सकती है स्थिति

मई महीने में भू-जल स्तर का इतना नीचे जाना निश्चित रूप से चिंता का विषय है. जानकारों का मानना है कि यदि यही स्थिति रही तो जून और जुलाई के महीने में शहर में पीने के पानी के लिए हाहाकार मच सकता है. कुएं सूख जायेंगे और हैंडपंप जवाब दे देंगे, जिससे आम नागरिकों के लिए दैनिक जरूरतों को पूरा करना भी मुश्किल हो जायेगा. लोग अब बेसब्री से मानसून का इंतजार कर रहे हैं. ताकि, इस भीषण संकट से कुछ राहत मिल सके.

अत्यधिक भू-जल दोहन के कारण उत्पन्न हो रही स्थिति

यह स्थिति अनियमित और अत्यधिक भू-जल दोहन, वर्षा जल संचयन की कमी और जल स्रोतों के उचित प्रबंधन के अभाव का परिणाम है. सरकार की तरफ से शहरवासी के लिए प्रॉपर्टी टैक्स में 05 फीसदी छूट देने का भी प्रावधान किया गया है, जिनके यहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित होंगे. लेकिन, जागरूकता के अभाव में यह भी फेल है. नगर निगम और जिला प्रशासन को इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देने और दीर्घकालिक समाधान खोजने की आवश्यकता है.

प्रभात अपील : पानी के महत्व को समझे, बर्बादी ना करें

मुजफ्फरपुर शहर में बीते दो से तीन सालों में जिस तरीके से भू-जल स्तर नीचे जा रहा है. यह मुजफ्फरपुर के लोगों के लिए भविष्य में बड़ा पेयजल संकट की ओर इशारा कर रहा है. यहां के नागरिकों को भी जल के महत्व को समझना होगा और पानी की बचत के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे. यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाये गये, तो आने वाले दिन शहर के लिए पानी की भारी किल्लत लेकर आ सकते हैं. बेतरतीब तरीके से हो रहे सबमर्सिबल पर रोक लगाना बहुत जरूरी हो गया है.

मुजफ्फरपुर शहर के विभिन्न प्रमुख इलाकों का भू-जल स्तर (फीट में) निम्नलिखित है:

क्षेत्र का नामभू-जल स्तर (फीट में)

पशुपालन पंप गृह भगवानपुर38

माड़ीपुर पीडब्ल्यूडी पंप40

दामोदर कोठी पम्प गृह40

जिला स्कूल पंप गृह42

सिकंदरपुर पंप गृह44

इमलीचट्टी बस स्टैंड पंप गृह45

गन्नीपुर व सादपुरा इलाके45

चतुर्भुज स्थान पंप गृह45

कंपनी बाग पंप गृह46

मारवाड़ी हाई स्कूल48B

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Devesh Kumar
Devesh Kumar
I am working as a senior reporter at Prabhat Khabar muzaffarpur. My writing focuses on nagar nigam political, social, and current topics.

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