::: अधिकारियों की लापरवाही से सरकारी खजाने को भारी नुकसान, ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा
::: वर्ष 2021-22 की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा, तत्कालीन अधिकारियों की कार्यशैली जांच के घेरे में
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर नगर निगम में लाखों रुपये के जीएसटी घोटाले का मामला सामने आया है. नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि निगम ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित सेवाओं के लिए जीएसटी छूट के बावजूद 63.01 लाख रुपये का गलत भुगतान किया है. यह भुगतान विभिन्न निजी एजेंसियों को किया गया है, जिसके माध्यम से नगर निगम में मानव बल की आपूर्ति होती है. इस खुलासे के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया है. लेखापरीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2021-22 के रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया है. जीएसटी छूट के बावजूद निगम द्वारा इतनी बड़ी राशि का भुगतान करना गंभीर अनियमितता है. इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस मामले में तत्काल नगर आयुक्त विक्रम विरकर से साक्ष्य सहित पूरी जांच रिपोर्ट तलब कर दिया है. ताकि, लोक लेखा समिति को सूचित किया जा सके. वहीं, इस मामले में दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.बॉक्स ::: लगभग पांच महीने से नगर निगम में दबा है फाइल
ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद भी इतने बड़े घोटाले की फाइनल को नगर निगम में बीते पांच महीने से दबा कर रखा गया है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसपर गहरी चिंता व नाराजगी जाहिर किया है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अक्टूबर 2024 में पत्र भेजकर रिपोर्ट मांगी गयी थी. लेकिन, आज तक साक्ष्य सहित जांच रिपोर्ट नगर निगम की तरफ से उपलब्ध नहीं कराया गया है, जो गंभीर विषय है.बोले नगर आयुक्त :::
यह मामला मेरे कार्यकाल से पहले का है. विभाग द्वारा मांगी गई जानकारी साक्ष्य सहित उपलब्ध करा दी जायेगी. इसके लिए संबंधित अनुभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को निर्देश दे दिया है.विक्रम विरकर, नगर आयुक्त मुजफ्फरपुर नगर निगम B
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