आश्रम घाट की रामकथा में राम विवाह प्रसंग की हुई कथा
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
आश्रम घाट रोड स्थित रामविलास नगर में धर्म जागरण समन्वय उत्तर बिहार द्वारा आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा महायज्ञ के सातवें दिन रविवार को राम विवाह की कथा हुई. कथावाचक देवकीनंदन भारद्वाज ने अपने प्रवचन में कहा कि भगवान जब से जन्म लिये तब से तरन-तारन ही करते गये. उन्होंने ””””सन्मुख होई जीव मोई जवही, जन्म कोटि सत पापा नसबही”””” चौपाई का उदाहरण देते हुए कहा कि जब जीवात्मा परमात्मा के निमित्त समर्पित हो जाता है, तो कितना बड़ा पापी क्यों न हो, परमात्मा सब माफ कर देते हैं. जब मनुष्य सत्य स्वीकार कर लेता है, तब भगवान की कृपा हो जाती है और भगवान भक्तों की सारी कामनाओं को पूर्ण करते हैं. राम विवाह की कथा के मौके पर स्थल को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था. पुष्प वर्षा की गई, आरती हुई और सभी बारातियों को पुष्पमाला पहनायी गयी. बरातियों का स्वागत मिथिला के पारंपरिक तरीके से किया गया, जिसमें अंगवस्त्र और पाग पहनाया गया़. मौके पर मुख्य यजमान वार्ड पार्षद गणिता देवी, दीपू सहनी व मुख्य यजमानचंदेश्वर राम और सुशीला देवी ने अतिथियों का स्वागत किया. कथा के मौके पर प्रेमचंद सिंह उर्फ प्रेम बाबू, रामेश्वर पासवान, धर्मेंद्र पासवान, प्रभु साह, अरुण कुमार राणा, मनोज मिश्रा, दीनानाथ झा, राम उदय सहनी, बिरजू सहनी, राकेश पटेल, संजय पंडित, शंकर राय, गणेश पटेल, योगेंद्र राम समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु और भक्तजन मौजूद थे़डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है