प्रभात कुमार, मुजफ्फरपुर
Muzaffarpur News प्यार की कोई सीमा नहीं होती. यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई, जब एक श्रीलंकाई दूल्हे ने शहर के बियाडा स्थित फार्म हाउस में शुक्रवार की रात एक भव्य समारोह में भारतीय दुल्हन के साथ सात फेरे लिये. यह अंतर-सांस्कृतिक विवाह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन, बल्कि दो पड़ोसी देशों की संस्कृतियों का भी खूबसूरत संगम का गवाह बना. पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाजों के अनुसार सजे मंडप में श्रीलंकाई दूल्हा किसलय पारंपरिक भारतीय परिधान में बेहद आकर्षक लग रहे थे, जबकि भारतीय दुल्हन रुचिका रेशमी लिबास में अपनी सुंदरता से सबका मन मोह रही थीं. हल्दी की रस्म में जहां दोनों परिवारों ने मिलकर खूब मस्ती की. वहीं मेहंदी की रात दुल्हन के हाथों पर रचे गहरे रंग ने उनके प्यार की गहराई को बयां किया. संगीत संध्या में भारतीय और श्रीलंकाई संगीत का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला, जिस पर मेहमान जमकर थिरके.दुल्हन रुचिका गन्नीपुर निवासी हिमांशु किशोर की पुत्री
दूल्हा के पिता अरुण एकणायके ने बताया कि वह मूल रूप से कोलंबो (श्रीलंका ) के रहने वाले हैं. उनका बेटा किसलय व पतोहू एक साथ कोलंबो के एक यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे. फिर, धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदल गयी. इसके बाद हमने इसे सहर्ष स्वीकार किया. कोलंबो से बरात लेकर दुल्हन को लेने आए हैं. बता दें दुल्हन रुचिका गन्नीपुर निवासी हिमांशु किशोर की पुत्री है. वरिष्ठ भाजपा नेता देवांशु किशोर दुल्हन के चाचा हैं.
श्री लंका में दो घंटे में होती है शादी
दूल्हा के पिता अरुण एकणायके ने श्री लंका के विवाह समारोह के बारे बताया कि वहां शादी को उत्सव कहते है. दुल्हा को मनमलेया और दुल्हन को मनमाली कहा जाता है. दहेज लेने देने की प्रथा नहीं है. वर वधू पक्ष मिलकर उत्सव करते है. दो घंटे के उत्सव में सभी विधि व्यवहार होता है. कहा कि दुल्हन ससुर को मामा और सास को नेदम्मा पुकारती है. शादी में गोल्ड ज्वेलरी का काफी क्रेज है. वैसे हमलोग काफी खुश हैं कि भारत जैसे देश के बिहार में बेटे की शादी की है. सभी लोग काफी अच्छे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है