— पिछले वर्ष भारतीय सार्थक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर कुमार ओझा ने दाखिल किया था परिवाद, इसमें चुनाव चिह्न के दुरुपयोग का लगाया था आरोप — सीजेएम कोर्ट ने परिवाद हुआ था खारिज संवाददाता, मुजफ्फरपुर चुनाव चिह्न को लेकर विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के संरक्षक मुकेश सहनी और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के वकील मंगलवार को एडीजे-1 के कोर्ट में उपस्थित हुए. इसमें मुकेश सहनी की ओर से संतोष कुमार झा और तेजस्वी प्रसाद यादव की ओर से धीरेंद्र कुमार विराना थे. कोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तिथि 10 जून को निर्धरित की है. परिवाद खारिज किए जाने को लेकर क्रिमिनल रिवीजन वाद की पुनरीक्षण चल रहा है. भासापा के प्रदेश अध्यक्ष लहलादपुर पताही के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने पिछले वर्ष 18 अप्रैल को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में दाखिल किया था. इसमें फर्जीवाड़ा व धोखाधड़ी कर भारतीय सार्थक पार्टी के चुनाव चिह्न के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था. परिवाद को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके विरुद्ध प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में उन्होंने क्रिमिनल रिवीजन वाद दायर किया था. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने रिजिवन वाद को सुनवाई के लिए ग्रहण कर लिया था.परिवाद में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कहा था कि वह भारतीय सार्थक पार्टी के बिहार के प्रदेश अध्यक्ष है. भारतीय निर्वाचन आयोग की ओर से उनकी पार्टी को नाव चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है. यह चुनाव चिह्न पहले विकासशील इंसान पार्टी को आवंटित था. वीआइपी के संरक्षक मुकेश सहनी उनके व भारतीय सार्थक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेश्वर कुमार उर्फ पप्पू महतो के साथ लगातार संपर्क कर नाव चुनाव चिह्न वापस करने का दबाव व प्रलोभन दे रहे थे.
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