संवाददाता, मुजफ्फरपुर स्मैक तस्कर मनोज साह उर्फ मनोज तुरहा की जमानत अर्जी खारिज कर दी गयी है. उसके वकील ने जमानत अर्जी कोर्ट में दाखिल की थी. जिसे विशेष कोर्ट एनडीपीएस एक्ट संख्या-दो के न्यायाधीश नरेंद्र पाल सिंह ने खारिज कर दिया. आरोपित वर्तमान में जेल में बंद है. वह पिछले दस वर्षो से स्मैक की तस्करी करता था.उसके विरूद्ध नगर, काजीमोहम्मदपुर, मिठनपुरा और सिकंदरपुर थाने में एनडीपीएस एक्ट की धारा में सात मामले दर्ज है. बता दें कि नगर थाने की पुलिस ने पांच फरवरी को उसे पकड़ा था. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने चतुर्भूज स्थान इलाके के रवि गुप्ता के घर पर छापेमारी की, लेकिन उसका घर बंद मिला. इसके बाद शास्त्री नगर में अशोक कुमार गुप्ता के घर पर छापेमारी की गयी. उसके घर से 22.300 ग्राम स्मैक, सोने-चांदी के जेवर और बैंक के कागजात जब्त कर उसे भी गिरफ्तार किया गया था. अशोक ने पुलिस को बताया था कि मनोज उसे स्मैक बेचने के लिए देता था. वह इसकी बिक्री कर उसे रुपये देता था. छापेमारी के बाद पुलिस मनोज के साथ अशोक काे लेकर नगर थाना लौट रही थी. अचानक माेतीझील स्थित बीबी कालेजिएट स्कूल के समीप मनोज तुरहा पुलिस अभिरक्षा से एक महिला दारोगा की पिस्तल छीनकर वाहन से कूदकर भागने लगा था. पुलिस उसे पकड़ने के लिए दौड़ी तो उसने पुलिस पर एक राउंड फायर कर दिया. आरोपित द्वारा चलायी गोली पुलिस वाहन के बोनट में लगी. इसके बाद दारोगा विष्णु पाण्डेय ने दो चक्र फायर किया.समें एक गोली मनोज के बाएं पैर में लगी. इसके बाद पुलिस ने उसे अभिरक्षा में लेकर एसकेएमसीएच में भर्ती करायी. केस के अनुसंधान पदाधिकारी ने 29 अप्रैल को कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी. फिलहाल मालीघाट का रवि गुप्ता अभी फरार चल रहा है.
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