प्रमाणपत्रों की जांच के बाद ही लेना है नामांकन
आवेदन के ब्योरे से प्रमाणपत्र उपलब्ध कराना होगाछात्र अगर नहीं दे पाते हैं तो दाखिला पर लगेगी रोक राजभवन से अधिसूचित फीस ही लें सभी कॉलेज
फीस की प्रति जमा कराने का दिया गया निर्देशवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बीआरएबीयू की ओर से स्नातक सत्र 2025-29 में दाखिले के लिए पहली मेधा सूची जारी कर दी गयी है.सूची को विवि की अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. वहीं सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को भी इसकी जानकारी दे दी गयी है. डीएसडब्ल्यू प्रो आलोक प्रताप सिंह ने बताया कि कॉलेजों से कहा है कि वे सूची में चयनित छात्र-छात्राओं का नामांकन लें. पहली सूची में 1 लाख 27 हजार 350 छात्र-छात्राओं का नाम शामिल किया गया है. पांच से 12 जुलाई तक कॉलेजों में नामांकन लिया जायेगा.निर्धारित फीस ही लेनी है
कॉलेजों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन आवेदन के समय जो विवरण दिया है. नामांकन से पूर्व प्रमाणपत्रों का सत्यापन कर लें. यदि वे संबंधित विवरण का प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराते हैं या प्रमाणपत्र में कोई त्रुटि होती है तो उनका नामांकन नहीं लें.राजभवन की ओर से निर्धारित फीस ही लेना है. सभी कॉलेज फीस की एक प्रति अपने वेबसाइट पर और एक प्रति विवि को उपलब्ध करायेंगे.अधिक फीस लेने की करें शिकायत
तय शुल्क से अधिक फीस लेने की शिकायत पर संबंधित कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. बता दें कि स्नातक में दाखिले के लिए 1.58 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था. पहली सूची के बाद करीब 30 हजार छात्र-छात्राएं वेटिंग लिस्ट में हैं. पहली सूची के बाद कॉलेजों की ओर से रिपोर्ट दी जाएगी. इसके बाद रिक्त सीटों पर दूसरी सूची जारी की जायेगी.प्रीमियर कॉलेजों का इस प्रकार रहा कटऑफ
विवि की ओर से कॉलेजवार व विषयवार कटऑफ भी जारी किया गया है. प्रीमियर कॉलेजों में करीब आधा दर्जन विषयों का कटऑफ अधिक रहा है. लंगट सिंह कॉलेज, रामदयालु सिंह कॉलेज, महंत दर्शन दास महिला, रामवृक्ष बेनीपुरी, नीतीश्वर, रामेश्वर, एमपीएस साइंस , एलएनटी कॉलेज, आरएलएसवाई कॉलेज, एमजेके कॉलेज बेतिया, एमएस कॉलेज मोतिहारी, एलएनडी कॉलेज मोतिहारी, एसएनएस समेत कई अन्य कॉलेजों में भी कटऑफ अधिक रहा है. एलएस कॉलेज में जूलॉजी का कटऑफ 48.4, आरडीएस कॉलेज में 53, एमडीडीएम कॉलेज में 48 व आरबीबीएम में इस विषय का कटऑफ 48 गया है. मनोविज्ञान, गणित, इतिहास, हिंदी और भौतिकी का भी कटऑफ अधिक रहा है. वहीं दर्शनशास्त्र, भूगोल, उर्दू, भोजपुरी, मैथिली, पर्शियन जैसे विषयों में विद्यार्थियों की संख्या कम होने के कारण कटऑफ कम रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है