मुजफ्फरपुर की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जीविका दीदियों ने दी नयी उड़ान एक साल के अंदर बकरी पालन और बिक्री में हुई बढ़ोतरी एक लाख जीविका दीदी कर रही बकरी पालन उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर मुजफ्फरपुर अब शहद के साथ-साथ बकरी कारोबार के लिए भी अपनी पहचान बना रहा है. पिछले एक साल में जिले से पश्चिम बंगाल और बेंगलुरु जैसे राज्यों में बड़ी संख्या में खस्सी भेजी जा रही है, जिसका पूरा श्रेय जीविका दीदियों को जाता है. इन दीदियों की मेहनत और लगन से मुजफ्फरपुर में बकरी पालन और उसकी बिक्री में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे यह क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है. बकरी पालन से सशक्त हो रही जीविका दीदियां जिले की लगभग एक लाख जीविका दीदियां वर्तमान में बकरी पालन कर रही हैं, जिससे जिले में कुल चार लाख बकरियों का पालन हो रहा है. इस पहल ने खस्सी के व्यवसाय को गति दी है. इन महिलाओं ने न केवल अपने परिवारों के लिए अतिरिक्त आय के स्रोत बनाये हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी रोजगार के अवसर पैदा किये हैं. यह छोटा पैमाने पर शुरू हुआ व्यवसाय अब एक संगठित रूप ले चुका है, जिसमें करीब सात सौ पशु सखियां बकरियों की देखभाल कर रही हैं. बकरियों और खस्सी की बिक्री जीविका दीदियों द्वारा सामूहिक रूप से की जा रही है, जिससे किसानों का मुनाफा बढ़ा है. मेषा बकरी पालन समूह का शानदार टर्नओवर बकरियों के स्वास्थ्य की देखभाल और खरीद-बिक्री में संलग्न 4400 दीदियों द्वारा बनाये गये संगठन, मेषा बकरी पालन समूह, का अप्रैल तक का टर्नओवर 2.6 करोड़ रुपये रहा है. यह संगठन अन्य दीदियों को भी बकरी पालन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, जिसमें उचित प्रशिक्षण, पशुधन स्वास्थ्य प्रबंधन और बाजार की व्यवस्था शामिल हैं. यह समूह अन्य बकरी पालन समूहों के लिए एक मार्गदर्शक का काम कर रहा है. इस व्यवसाय से दीदियों को हर महीने अच्छी आय हो रही है, जिससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी मेहनत और लगन से इस व्यवसाय को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. मेषा बकरी पालन समूह के प्रसून कुमार ने बताया कि पिछले एक साल में बकरी पालन से खस्सी के कारोबार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. भविष्य में बकरी पालन का केंद्र बनेगा मुजफ्फरपुर डीपीएम प्रबंधक अनीशा ने बताया कि जीविका दीदियों की लगन से बकरी पालन मुजफ्फरपुर का एक प्रमुख व्यवसाय बन गया है. उन्होंने कहा कि यहां से बकरी का कारोबार अब दूसरे राज्यों में हो रहा है, जिससे दीदियां बकरी पालन के लिए और भी प्रोत्साहित हो रही हैं. बकरियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए 700 से अधिक पशु सखियां लगातार कार्यरत हैं, जो बकरियों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रही हैं. अनीशा ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में मुजफ्फरपुर बकरी पालन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनायेगा.
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