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बिहार का ये शहर बना मछली उत्पादन का हब, अब राज्यभर में हो रही यहां से सप्लाई

Bihar News: मुजफ्फरपुर मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बन चुका है. अब यहां की मछलियां दूसरे जिलों तक सप्लाई हो रही हैं. सरकार की योजनाओं और युवाओं की रुचि से उत्पादन 41 हजार मीट्रिक टन तक पहुंच गया है. तालाबों की संख्या बढ़ने से यह क्षेत्र तेजी से मछली उत्पादन का हब बन रहा है.

Bihar News: मुजफ्फरपुर में एक समय था जब जिले में मछली की खपत को पूरा करने के लिए आंध्र प्रदेश से मछली मंगानी पड़ती थी, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. मुजफ्फरपुर न केवल मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है, बल्कि दूसरे जिलों को भी मछली की आपूर्ति कर रहा है. बीते दो वर्षों में जिले में मछली उत्पादन में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले साल जिले में मछली का उत्पादन 40.50 हजार मीट्रिक टन था, जो इस साल बढ़कर 41 हजार मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जबकि जिले की कुल खपत 39.25 हजार मीट्रिक टन है.

मछली उत्पादन में इस बढ़ोतरी के पीछे सरकार की विभिन्न योजनाओं और युवाओं की रुचि मुख्य कारण है. बड़ी संख्या में लोग इस व्यवसाय से जुड़ रहे हैं, जिससे मछली उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. तालाबों की संख्या भी 3152 से बढ़कर 3600 से अधिक हो चुकी है. मत्स्य विभाग लोगों को प्रशिक्षित कर कम जगह में मछली पालन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. सरकारी सहायता और अनुदान से इस क्षेत्र में नए निवेशकों की संख्या भी बढ़ रही है.

तालाबों की संख्या में इजाफा, उत्पादन में वृद्धि

जिले में मछली पालन के लिए तालाबों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मत्स्य विभाग के अनुसार, जिले में फिलहाल 3700 लोग मछली पालन कर रहे हैं. इनमें से 2000 निजी तालाब और 1552 सरकारी तालाब हैं. प्रखंड स्तर पर भी लोग मछली पालन को लेकर आगे आ रहे हैं. मत्स्य विभाग न केवल प्रशिक्षण दे रहा है, बल्कि तालाबों के निर्माण में भी लोगों की मदद कर रहा है.

जीविका दीदियों ने बढ़ाया कारोबार, मिल रहा आर्थिक सहयोग

मछली पालन में जीविका दीदियों की भागीदारी भी तेजी से बढ़ रही है. उन्हें मत्स्य विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं. मड़वन के फंदा गांव से जीविका दीदियों ने मछली पालन की शुरुआत की थी, जो अब पूरे जिले में फैल गया है. इस कार्य में माइक्रोसेव और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की संयुक्त टीम भी सहयोग कर रही है. साथ ही, जीविका दीदियों को बैंकों से ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

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सरकार की योजनाओं से बढ़ रही रुचि, भविष्य में बनेगा बड़ा हब

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन के लिए 60% तक अनुदान दिया जा रहा है, जिससे अधिक लोग इस क्षेत्र से जुड़ रहे हैं. यदि मछली उत्पादन की यह वृद्धि बनी रही, तो आने वाले दो-तीन वर्षों में मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार का सबसे बड़ा मछली उत्पादक क्षेत्र बन सकता है.

Anshuman Parashar
Anshuman Parashar
मैं अंशुमान पराशर पिछले एक वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल बिहार टीम से जुड़ा हूं. बिहार से जुड़े सामाजिक, राजनीतिक, अपराध और जनसरोकार के विषयों पर लिखने में विशेष रुचि रखता हूं. तथ्यों की प्रमाणिकता और स्पष्ट प्रस्तुति को प्राथमिकता देता हूं.

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