Muzaffarpur Municipal Corporation, देवेश कुमार: मुजफ्फरपुर विधानसभा चुनाव की आहट से पहले मुजफ्फरपुर नगर निगम की राजनीति में फिर से उबाल आ गया है. महापौर गुट के विरोध में बने पार्षदों का टूटा हुआ खेमा अब खुलकर महापौर के समर्थन में आ गया है. वार्ड नंबर 27 के पार्षद अजय ओझा के निगम में एक दिवसीय धरना और अनशन के बाद, पार्षदों ने एकजुट होकर ”आदर्श विकास पार्षद समिति” का गठन किया है, जिसे महापौर और उनके कैबिनेट का संरक्षण प्राप्त है.
किसको कौन सी जिम्मेदारी मिली
शनिवार को नगर निगम सभागार में हुई बैठक में पार्षद अर्चना पंडित को समिति का अध्यक्ष चुना गया, जबकि सुषमा देवी सचिव बनीं. मनौवर हुसैन, मो. सैफ अली और मधु विजेता उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किये गये. मो इकबाल मीडिया प्रभारी बनाये गये हैं और मेयर कैबिनेट के सदस्यों उमा पासवान, एनामुल हक, रूपम कुमारी, प्रियरंजन और आरती राज को संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. पूनम कुमारी कोषाध्यक्ष बनीं हैं. पार्षदों ने इन समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कार्य योजना बनाने का आह्वान किया. मेयर कैबिनेट सदस्य राजीव कुमार पंकू और अभिमन्यु चौहान भी इस बैठक में मौजूद थे.
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कांग्रेस और भाजपा का अटूट गठबंधन बताया
इस बीच, पार्षद संजय केजरीवाल ने नये संघ के गठन पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भाजपा की महापौर अब केवल नाम की रह गयी हैं, और उन्हें कांग्रेस के समर्थन से ही सत्ता चलानी पड़ रही है. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों का पार्षद संघ की कमेटी में शामिल होना भाजपा और कांग्रेस के ‘अटूट गठबंधन’ को दर्शाता है. उन्होंने यह भी कहा कि निगम में अब न तो पक्ष रहा और न ही विपक्ष. आगे देखना है कि खेल किस तरीके से होता है.
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