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खाड़ी देशों के साथ अब यूरोप और अफ्रीका के लोग भी चखेंगे मुजफ्फरपुर की शाही लीची, जानिए कैसे होगा ट्रांसपोर्टेशन

मुजफ्फरपुर से इस वर्ष करीब 30 हजार टन लीची का निर्यात यूरोप, अफ्रीका और खाड़ी देशों में करने का लक्ष्य रखा गया है.

Muzaffarpur Shahi Lichi: इस बार मुजफ्फरपुर की शाही लीची यूरोप, अफ्रीका और खाड़ी देशों में निर्यात की जायेगी. इस बार खाड़ी देशों में पिछले साल की अपेक्षा लीची की मांग दस गुना से भी अधिक है. इसके अलावा यूरोप और अफ्रीका के देशों में भी लीची की सप्लाई की जा रही है. लीची उत्पादकों ने यहां से करीब 30 हजार टन लीची बाहर भेजने का लक्ष्य रखा है.

कूलिंग वैन से लखनऊ एयरपोर्ट तक जायेगी लीची

मुजफ्फरपुर में 15 से 20 मई के दौरान लीची की तुड़ाई शुरू हो जायेगी. इसके बाद लखनऊ और मुंबई एयरपोर्ट से लीची विदेशों में जायेगी. लीची का कारोबार करने वाली कई कंपनियों के प्रतिनिधि दस मई से मुजफ्फरपुर पहुंचने लगेंगे. इसके बाद यहां से कूलिंग वैन के जरिये यहां की लीची लखनऊ एयरपोर्ट तक जायेगी. उसके बाद वहां से लीची विदेशों के लिये बुक की जायेगी.

पछिया हवा से लीचियों को हुआ नुकसान

मुजफ्फरपुर पहुंचने वाले कंपनियों के प्रतिनिधि के साथ लीची वैज्ञानिक भी रहेंगे. वे लीची के प्लम की जांच भी करेंगे. इसके बाद लीची बाहर भेजी जायेगी. इस बार पछिया हवा बहने के कारण करीब एक सप्ताह से पेड़ों से लीची गिरने की समस्या आयी, जिससे 20 फीसदी फसल का नुकसान हुआ. अमूमन जिले में एक लाख टन लीची का उत्पादन होता है, लेकिन इस बार मौसम के कारण 20 फीसदी लीची बर्बाद हो गया.

लीची उत्पादकों का मानना है कि जिले में करीब 80 हजार टन लीची का उत्पादन होगा. इस बार लुलु मॉल और सुपर प्लम से लीची के काफी ऑर्डर आये हैं. मांग के अनुसार तो लीची का ट्रांसपोर्टेशन संभव नहीं है, लेकिन अच्छी मात्रा में यहां से लीची की आपूर्ति होगी.

देश में होगी 20 हजार टन लीची की सप्लाई

देश के विभिन्न राज्यों में करीब 20 हजार टन लीची की सप्लाई होगी. लीची की फसल टूटने के साथ ही इसे पिकअप, ट्रेन और ट्रक से दूसरे राज्यों में भेजा जायेगा. मुजफ्फरपुर से पिकअप के जरिये लीची काठमांडू, धनबाद, आरा, बक्सर और सीवान सहित अन्य जिलों में भेजी जायेगी. एक पिकअप में दो टन लीची रखा जायेगा. यहां से पवन एक्सप्रेस से भी रोज 40 टन लीची मुंबई जायेगी. इसके अलावा अलावा रोज चार-पांच ट्रक मुंबई, 40-50 ट्रक दिल्ली और 20 ट्रक लखनऊ भेजा जायेगा. इन जगहों से लीची दूसरे राज्यों में जायेगी. जि से करीब 20 दिनों तक लीची बाहर जायेगी. इसकी तैयारी भी लीची उत्पादक कर रहे हैं.

डीडीसी से चुनाव के दौरान पिकअप और ट्रक नहीं पकड़ने की मांग

लीची टास्क फोर्स ने डीडीसी से चुनाव के दौरान पिकअप और ट्रक नहीं पकड़ने की मांग की है. डीडीसी ने भी भरोसा दिलाया है कि लीची ट्रांसपोर्टेशन में किसी तरह की समस्या नहीं होगी. लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने चुनाव के समय लीची के ट्रांसपोर्टिंग में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिये बिहार के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आलोक रंजन घोष को पत्र भेजा है. बच्चा प्रसाद सिंह ने कहा कि 2019 में भी लीची ट्रांसपोर्टेशन की समस्या आयी थी. उस समय तत्कालीन डीएम चंद्रशेखर प्रसाद ने लीची टास्क फोर्स का गठन कर समस्या का निराकरण किया गया था.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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