अगले महीने से शुरू होगा बोतलबंद जूस का निर्यात
कुढ़नी प्रोड्यूसर कंपनी करेगी जूस का उत्पादनएमएसएमइ की मदद से कंपनी ने की शुरुआत
विदेशों में निर्यात करेगी दिल्ली की एनएच कंसल्टेंसीउपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरअगले महीने से यूरोप के लिए लीची के जूस का निर्यात होना शुरू हो जायेगा. यह पहल कुढ़नी प्रोड्यूसर कंपनी कर रही है, जिसे एमएसएमइ की मदद मिल रही है.दिल्ली की एनएच कंसल्टेंसी कंपनी इस लीची जूस को विदेशों में निर्यात करने का काम संभालेगी. यह राज्य की पहली कंपनी होगी, जो इतनी बड़ी मात्रा में लीची जूस का उत्पादन करेगी और दुनिया के विभिन्न देशों में भेजेगी.मुजफ्फरपुर की पहचान लीची अब जूस के रूप में देश-दुनिया में पहुंचेगी.निर्यात की पहली खेप यूरोप के देशों में भेजी जायेगी. इसके बाद धीरे-धीरे इसका विस्तार अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी होगा. लीची का जूस 180 एमएल व 500 एमएल की बोतलों में उपलब्ध होगा.
अबतक 70 टन लीची पल्प का स्टोरेज
कंपनी ने अबतक 70 टन लीची पल्प का स्टोरेज किया है. लीची का सीजन खत्म होने के बाद जूस बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी. कंपनी का लक्ष्य इस सीजन में 300 टन लीची का पल्प तैयार करना है, ताकि पूरे साल लीची जूस का उत्पादन होता रहे. शुरुआत कंपनी एक लाख बोतल लीची जूस के उत्पादन से करेगी और इसके बाद वर्षभर इसका उत्पादन जारी रहेगा. कंपनी का उद्देश्य बड़ी मात्रा में लीची खरीदकर पल्प निकालना है, जिससे उन्हें सालों भर लीची जूस के निर्यात के लिए पर्याप्त मात्रा में पल्प मिलता रहे.
स्थानीय उत्पाद को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान
कुढ़नी प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक रामप्रवेश कुमार ने बताया कि वे लीची जूस को देश के साथ विदेशों में भेजने की तैयारी कर रहे हैं. वे अपनी बोतलों का निर्माण भी खुद ही कर रहे हैं. एक बार लीची का पल्प जमा हो जाने के बाद लीची जूस का उत्पादन शुरू हो जायेगा. यह पहल न केवल स्थानीय लीची उत्पादकों को लाभ पहुंचाएगी बल्कि मुजफ्फरपुर की लीची को एक वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगी.इसके अलावा, एनएच कंसल्टेंसी कंपनी आम के अचार की मार्केटिंग भी करेगी, जिससे अन्य स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा. यह एमएसएमइ के सहयोग से एक सफल मॉडल बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
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