उमस और गर्मी से लोग परेशान, अगस्त में मॉनसून सक्रिय होने की उम्मीद
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
उत्तर बिहार में इन दिनों लोग भीषण गर्मी और उमस से बेहाल हैं. मानसून रेखा के अपनी सामान्य स्थिति से दूसरी जगह शिफ्ट हो जाने के कारण बारिश का इंतजार लंबा होता जा रहा है. फिलहाल, मानसून झारखंड और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में ही सक्रिय है, जिससे अधिकांश क्षेत्रों में लोग चिलचिलाती धूप और चिपचिपी गर्मी से जूझ रहे हैं. गुरुवार को भी दिन का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा, जिसने सुबह से शाम तक लोगों को बेचैन रखा. रात के तापमान में भी लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिससे रातें भी उमस भरी हो गयी हैं. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5.4 डिग्री अधिक है. वहीं, न्यूनतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.7 डिग्री अधिक है. हवा की गति 4 किलोमीटर प्रति घंटा और हवा की दिशा पछुआ रही.
मानसून अनियमित होने के पीछे जलवायु परिवर्तन कारण
मौसम विज्ञान केंद्र के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. एके सत्तार ने बताया कि जुलाई के अंत तक गर्मी और उमस की ऐसी ही स्थिति बनी रहने की संभावना है. उन्होंने अगस्त के पहले सप्ताह में मानसून के फिर से सक्रिय होने की उम्मीद जतायी है, जिससे उत्तर बिहार में गर्मी से राहत मिल सकेगी. डॉ. सत्तार ने मानसून की इस अनियमितता के पीछे जलवायु परिवर्तन को एक प्रमुख कारण बताया है.बारिश नहीं होने से किसान और लोग सभी परेशान
सामान्य तौर पर, जुलाई के माह में अच्छी बारिश होती थी, लेकिन इस बार मानसून के कमजोर पड़ने से किसानों और आम जनता दोनों की चिंताएं बढ़ गयी हैं. धान की खेती के लिए यह समय महत्वपूर्ण होता है, और बारिश की कमी से बुवाई में देरी हो सकती है, जिसका सीधा असर फसल उत्पादन पर पड़ सकता है. फिलहाल, लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे हाइड्रेटेड रहें, सीधे धूप के संपर्क में आने से बचें और जितना हो सके घर के अंदर रहें.फोटो माधव 8 से 12डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है