– दो दिनों तक परिसर में रही टीम, 1993 से 2016 तक के बी.फाॅर्मा कोर्स को पीसीआई से मान्यता दिलाने के लिए दस्तावेजों को देखा वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर एमआइटी के फाॅर्मेसी विभाग को मान्यता दिलाने को लेकर फॉर्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) की टीम ने 4 व 5 जून को कॉलेज परिसर का निरीक्षण किया. 1993 से 2016 तक के बी.फाॅर्मा कोर्स को पीसीआई से मान्यता दिलाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को देखा. पला मुरु विश्वविद्यालय, तेलंगाना के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज़ के प्राचार्य डॉ वीरा रेड्डी प्रभाकर रेड्डी और जम्मू-कश्मीर गवर्नमेंट फॉर्मासिस्ट एसोसिएशन के निदेशालय स्वास्थ्य सेवाएं परिसर, जम्मू के अध्यक्ष सुशील सूदन शामिल थे. निरीक्षण के दौरान संस्थान के प्राचार्य डॉ एमके झा ने समिति को एमआइटी की शैक्षणिक यात्रा, संरचना और गुणवत्ता सुधार संबंधी पहल की विस्तृत जानकारी दी. फाॅर्मेसी विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने विभाग की शैक्षणिक और तकनीकी उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया. संस्थान के रजिस्ट्रार प्रो.रजनीश कुमार और डॉ मणिकांत कुमार ने फाॅर्मेसी विभाग से संबंधित दस्तावेजों और क्रियाकलापों को व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत कर निरीक्षण दल को संतुष्ट किया. निरीक्षण समिति ने दो दिन के निरीक्षण के बाद विभाग की स्थिति को सुदृढ़ माना. सुझाव दिया कि संस्थान को एम.फार्मा कोर्स की शुरुआत के लिए आगे बढ़ना चाहिए. यह भी कहा कि एमआइटी के फाॅर्मेसी विभाग को स्वतंत्र फाॅर्मेसी विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की दिशा में भी प्रयास होना चाहिए. निरीक्षण समिति ने स्पष्ट संकेत दिया कि पीसीआइ की आगामी बैठक में 1993 से 2016 तक के बैचों को मान्यता प्रदान की जा सकती है. इसके अतिरिक्त एमआइटी का फाॅर्मेसी विभाग 2025-26 तक 100 सीटों की स्वीकृति के साथ नियमित शिक्षा प्रदान कर रहा है. यह प्रक्रिया पूर्व छात्रों के लिए राहत लेकर आएगी और बिहार में फार्मेसी शिक्षा को नई दिशा देगी.
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