-जनवरी से मार्च तक 943 प्रसव ही कराये गये
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरMuzaffarpur News
संस्थागत प्रसव को स्वास्थ्य विभाग बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रहा है. वहीं सदर अस्पताल स्थिति एमसीएच में व्यवस्थाएं बेहतर होने के बावजूद यहां संस्थागत प्रसव में कमी आयी है. जनवरी से मार्च तक 943 प्रसव कराये गये हैं. प्रसव के दौरान नवजात बच्चों की मौत का आंकड़ा भी घटा है. एमसीएच से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी में 347 प्रसव हुए. जबकि फरवरी में 328 संख्या हो गयी. मार्च में संख्या और घट कर 268 तक पहुंच चुकी है. इधर अस्पताल की ओर से गर्भवतियों को अस्पताल तक लाने व प्रसूता को घर तक छोड़ने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा की सुविधा दी गयी है. प्रसव होने पर पांच हजार रुपये प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत व जननी सुरक्षा योजना के तहत भी धनराशि दी जाती है. इन सबके बाद भी संस्थागत प्रसव को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है. इसकी तस्दीक एमसीएच के आंकड़े कर रहे हैं. यहां वर्ष 2023 में 7,537 प्रसव हुए है. इसमें 3,116 प्रसव ऑपरेशन व 4,421 प्रसव सामान्य हुए. जबकि 2024 में दिसंबर तक एमसीएच में प्रसव की संख्या 4,753 रह गयी है. इसमें 1,613 ऑपरेशन से और 3140 सामान्य प्रसव कराये गये हैं.::::::::::::::::::::::::
एमसीएच में आने वाली महिलाओं को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं. स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव कराने की सुविधा हो गयी है, इसलिए महिलाएं अपने नजदीक की सीएचसी-पीएचसी पर पहुंच जाती हैं. इसकी वजह से एमसीएच नहीं आती है. =डॉ अजय कुमार, सिविल सर्जनडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है