देवेश कुमार/ Bihar Train News: मुजफ्फरपुर जंक्शन के रिजर्वेशन काउंटर पर तत्काल टिकट में बिचौलिया का काम करने के आरोप में सीआईबी सोनपुर टीम द्वारा गिरफ्तार किये गये सुधीर कुमार चौधरी के मामले में नया मोड़ आ गया है. सोनपुर रेलवे मजिस्ट्रेट ने शुक्रवार को सुधीर को न्यायिक हिरासत में भेजने के बजाय सीधे जमानत दे दी, जिससे RPF आरपीएफ मुजफ्फरपुर और सीआईबी सोनपुर के अधिकारी सकते में आ गये हैं. कोर्ट ने पुलिस पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण की भी मांग की है. वहीं, सुधीर कुमार चौधरी की पत्नी अनुराधा चौधरी ने आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ पूर्व मध्य रेल के जीएम और रेलवे बोर्ड से लिखित शिकायत की है.
निर्दोष को फंसाने का आरोप
सीआईबी सोनपुर की टीम पर टिकट दलाली करने वाले असली व्यक्ति को छोड़कर निर्दोष को फंसाने का आरोप लगाया है. अनुराधा चौधरी का कहना है कि उनके पति सुधीर कुमार चौधरी अपना तत्काल टिकट लेने गये थे और उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है. हालांकि, मामले की जानकारी रेलवे के वरीय अधिकारियों तक पहुंचने के बाद आरपीएफ से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब कर दी गयी है. सोनपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम रौशन कुमार का कहना है कि वे इस मामले की गहराई से जांच करायेंगे. आरपीएफ सोनपुर मंडल के वरीय अधिकारियों से इस मसले पर बात करेंगे.
पार्षद ने उठायी जांच की मांग, कहा दलाल को है पुलिस का संरक्षण
सुधीर चौधरी का शहरी आवास ब्रह्मपुरा इलाके में है, जहां के स्थानीय पार्षद जफिर फरियादी ने भी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से शिकायत करते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. पार्षद ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जंक्शन के रिजर्वेशन काउंटर पर तत्काल टिकट के लिए जाने वाले हर व्यक्ति को पुलिस संदेह की नजर से देखती है. जबकि, असली बिचौलियों को संरक्षण देने में पुलिस और सोनपुर सीआईबी की टीम ही शामिल है. उन्होंने जंक्शन पर लगे सभी सीसीटीवी कैमरों को खंगालते हुए पूरे मामले की गहराई से जांच की मांग की है.
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