तुरंत कार्रवाई और प्रभावी जांच से मिलेगा न्याय, पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर शुरू हुई नई व्यवस्था संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में अब पीड़ितों को भटकना नहीं पड़ेगा. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर, जिले में होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं की प्राथमिकी (FIR) अब सीधे ट्रैफिक थाने में दर्ज की जाएगी. यह कदम जिलेवासियों की सुविधा के लिए उठाया गया है. हालांकि, अगर पीड़ित चाहेंगे तो अपने नजदीकी थाने में भी प्राथमिकी दर्ज करवा सकते हैं. पुलिस मुख्यालय से आदेश मिलने के बाद थाना स्तर पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. सीसीटीएनएस से जुड़ने पर प्रक्रिया होगी सुगम इस नई व्यवस्था के तहत, मुजफ्फरपुर ट्रैफिक थाना को अपराध और अपराधी निगरानी नेटवर्क और प्रणाली (सीसीटीएनएस) से भी जोड़ा जा रहा है. इसके लिए पुराने ट्रैफिक डीएसपी कार्यालय का चेंबर चिन्हित किया गया है. यह जुड़ाव एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया को और भी सुगम और पारदर्शी बनाएगा. अब तक, सड़क दुर्घटनाओं की एफआईआर दुर्घटनास्थल के थाना क्षेत्र में दर्ज की जाती थी, जिससे कई बार पीड़ितों और उनके परिजनों को काफी परेशानी होती थी. सीसीटीएनएस के माध्यम से दर्ज की गई एफआईआर का रिकॉर्ड केंद्रीय स्तर पर उपलब्ध रहेगा, जिससे मामलों की निगरानी और निपटान में तेजी आएगी. आंकड़ों से सुधरेगी सड़क सुरक्षा इस पहल का एक महत्वपूर्ण लाभ यह भी है कि ट्रैफिक थाने में सभी दुर्घटनाओं की एफआईआर दर्ज होने से सड़क दुर्घटना के आंकड़ों का केंद्रीकृत संग्रह संभव हो पाएगा. यह आंकड़े पुलिस और परिवहन विभाग को दुर्घटना संभावित खतरनाक स्थलों की पहचान करने में मदद करेंगे. इन खतरनाक स्थलों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर, यातायात प्रवाह को नियंत्रित करने, उचित संकेत लगाने और सड़क इंजीनियरिंग में सुधार करने जैसे उपाय किए जा सकेंगे, जिससे भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी. यह आंकड़ों के आधार पर दृष्टिकोण मुजफ्फरपुर की सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. तुरंत कार्रवाई और प्रभावी जांच होगी सुनिश्चित इस बदलाव से दुर्घटना मामलों में तुरंत कार्रवाई और प्रभावी जांच भी सुनिश्चित हो पाएगी. ट्रैफिक थाने को विशेष रूप से यातायात संबंधी अपराधों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, और अब उन्हें सीधे एफआईआर दर्ज करने का अधिकार मिलने से वे मौके पर ही आवश्यक कानूनी प्रक्रियाएं शुरू कर सकेंगे. इससे न केवल पीड़ितों को समय पर न्याय मिलेगा, बल्कि जांच की गुणवत्ता में भी सुधार होगा, जिससे दोषियों की पहचान और उन्हें सजा दिलाने में आसानी होगी. कर्मियों को दिया गया है विशेष प्रशिक्षण पुलिस मुख्यालय ने इस नई व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिले के सभी थाना प्रभारियों और ट्रैफिक थाने के कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया है. इस प्रशिक्षण में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया, सीसीटीएनएस का उपयोग और दुर्घटना संबंधी मामलों से निपटने के कानूनी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई है. यह उम्मीद की जा रही है कि इस बदलाव से सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ेगी और दुर्घटनाओं के मामलों में तुरंत न्याय सुनिश्चित हो सकेगा.
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