-अस्पताल प्रशासन बेखबर, गंदगी से बीमारियों का है खतरा
मुजफ्फरपुर.
चारों तरफ बिखरे मेडिकल कचरा, खाने-पीने के सामान और मल-मूत्र. यह देख लगता है कि यह कचरा का डंपिंग प्वाइंट है. पर यह दुर्भाग्य से सदर अस्पताल है. यहां रोजाना औसतन एक हजार मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. बिखरे कचरे को देखकर लगता है कि पिछले एक महीने से यहां सफाई नहीं हुई है. फेंके गये मेडिकल कचरे में सूई व घावों को साफ की गयी गंदी रूई से बीमारियों का खतरा बना हुआ है. इसी रास्ते में जिला प्रतिरक्षण विभाग का कार्यालय भी है, लेकिन अस्पताल प्रशासन इससे बेखबर है.अधीक्षक डॉ बीएस झा कहते हैं कि राज्य सरकार के आदेश से सफाई का जिम्मा जीविका को दिया गया है. यहां के 65 हजार स्कवायर मीटर की सफाई की जिम्मेदारी जीविका संभाल रही है. पहले हमलोग सफाई के लिए प्रति माह तीन हजार देते थे, अब 25 हजार खर्च करना पड़ रहा है. गंदगी को हटाने के लिए कई बार जीविका को लिखा गया, लेकिन संस्था ध्यान नहीं दे रही है. इस गंदगी से हमलोग खुद परेशान हैं, लेकिन इससे निजात कैसे मिले, यह समझ में नहीं आ रहा है.
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